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Published : Dec 1, 2020, 12:39 PM IST

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ई-कॉमर्स कंपनियों को CAIT ने बताया खलनायक, वित्तमंत्री से की शिकायत

कैट ने बैंकों पर देश के लोगों के मौलिक अधिकार के हनन और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के फेयर प्रैक्टिस कोड के उल्लंघन का आरोप लगाया है. कैट ने यह भी कहा है कि बैंक और ई-कॉमर्स कंपनियों का गठजोड़ कम्पटीशन एक्ट 2002 का भी सीधे तौर पर उल्लंघन करता है.

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पटना:कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने देश के कुछ प्रमुख बैंकों की शिकायत केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से की है. कैट का कहना है कि कुछ बैंक अमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी विदेशी स्वामित्व वाली कंपनियों से मिल कर व्यापारियों और लोगों के साथ भेदभाव कर रहे हैं. उन्होंने वित्त मंत्री से इस मामले की जांच की मांग की है.

वित्तमंत्री से की शिकायत

कैट ने वित्त मंत्री को भेजा ज्ञापन
कैट संगठन ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक ज्ञापन भेजकर विभिन्न बैंकों पर अमेजॉन, वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट सहित अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों से अवैध साठ-गांठ करने का आरोप लगाया. कैट ने इन बैंकों पर व्यापारियों और आम लोगों के साथ भेदभाव करने का भी आरोप लगाया है.

'फेयर प्रैक्टिस कोड के उल्लंघन का आरोप'
कैट ने बैंकों पर देश के लोगों के मौलिक अधिकार के हनन और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के फेयर प्रैक्टिस कोड के उल्लंघन का भी आरोप लगाया है. कैट ने यह भी कहा है कि बैंक और ई-कॉमर्स कंपनियों का गठजोड़ कम्पटीशन एक्ट 2002 का भी सीधे तौर पर उल्लंघन करता है.

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कैट बिहार के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकेश नन्दन और कोषाध्यक्ष अरूण कुमार ने दोनों ने कम्पटीशन एक्ट 2002 की धारा 3 का हवाला दिया. जिसमें कहा गया है कि उद्यम या व्यक्ति या व्यक्तियों का कोई उद्यम या संघ उत्पादन, आपूर्ति, वितरण, भंडारण के संबंध में किसी से भी समझौता नहीं करेगा. माल या सेवाओं के प्रावधान का अधिग्रहण या नियंत्रण, जो भारत के भीतर प्रतिस्पर्धा पर एक प्रतिकूल प्रभाव पैदा करता है. या करने की संभावना है, ऐसा कोई भी समझौता या कम्पटीशन एक्ट की धारा 3 के अंतर्गत गैर कानूनी माना जाएगा.

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