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पटना: कैट ने लगाया ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन पर कानूनों के उल्लंघन का आरोप

कैट ने अमेजन पर आरोप लगाया है कि अमेज़न ने वर्ष 2012 से भारतीय कानूनों, नियमों और विनियमों का उल्लंघन करता आ रहा है. जिसका खामियाजा देश के 7 करोड़ व्यापारियों को उठाना पड़ रहा है. प्रवर्तन निदेशालय को पत्र लिख कर कार्रवाई की मांग की है.

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Published : Dec 7, 2020, 2:12 AM IST

पटना
कैट ने लगाया अमेजन पर धांधली का आरोप

पटना: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने प्रवर्तन निदेशालय को अपने लिखे पत्र में अमेजन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. कैट ने पत्र में अमेज़न के खिलाफ सभी जरूरी तथ्यों को रखा है. जिसके जरिये उन्होंने अमेजन पर यह आरोप लगाया है कि अमेज़न ने वर्ष 2012 से भारतीय कानूनों, नियमों और विनियमों का उल्लंघन करता आ रहा है.

अमेजन की गलत नीतियों से भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान
कैट ने अपने पत्र में लिखा है कि अमेजन के इस कृत्य के कारण देश के छोटे बड़े करोड़ो व्यापारियों को नुकसान पहुँचा है. जबकि सरकार ने एफडीआई नीति और फेमा नियमों और विनियमों में उनके व्यापार को संरक्षित रखने के सभी प्रावधान किये थे. लेकिन अमेज़न द्वारा इनका लगातार उल्लंघनों के बावजूद उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिसके कारण देश के 7 करोड़ व्यापारियों के साथ-साथ श्रमिकों और उनसे जुड़े लोग खुद को ठगा हुआ और लाचार महसूस कर रहे हैं.

अमेजन से तीन गुणा जुर्माना वसूले प्रवर्तन निदेशालय
कैट बिहार चैप्टर के चेयरमैन कमल नोपानी ने कहा विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के मनमाने रवैये के चलते हमारे देश की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान पहुंचा है. जिस कराण प्रवर्तन निदेशालय को अब तत्काल अमेज़न के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. वहीं, कानूनी प्रावधानों के अनुसार अमेज़ॅन को उल्लंघन करने के लिए अधिकतम जुर्माना लगाकर दंडित करना चाहिए. जोकि अमेज़न द्वारा 48,500 करोड़ रुपये के अवैध निवेश के मूल्य का 3 गुना राशि यानी 1,44,500 करोड़ रुपये बनती है.

कैट ने सौंपे अमेजन के खिलाफ सबूत
कैट बिहार चैप्टर के चेयरमैन कमल नोपानी ने कहा कि हमने अपने पत्र में अमेज़न के खिलाफ अपनी शिकायतों के सन्दर्भ में सभी सम्बंधित सबूत और दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं. नोपानी ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय को लिखे पत्र में कुछ सवाल भी उठाए हैं कि अमेज़न सेलर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (अमेज़न इंडिया) और अन्य स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों और बेनामी कंपनियों के माध्यम से अमेज़न कैसे मल्टीब्रांड रिटेल ट्रेडिंग में (ई-कॉमर्स का इन्वेंट्री आधारित मॉडल) में सक्रिय है जो कि एफडीआई नीति, सम्बंधित प्रेस नोट्स और फेमा अधिनियम, नियमों और विनियमों का पूर्ण उल्लंघन है.

कैट चेयरमैन कहा कि अमेजन भारतीय कानून का उल्लंघन कर रहा है
वहीं, कैट के चेयरमैन ने कहा कि अमेज़ॅन ने स्वयं स्वीकार किया है की उसने अमेजन इंडिया में 6.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है. जबकि ई-कॉमर्स का मार्केटप्लेस आधारित मॉडल खरीदारों और विक्रेताओं के लिए लेनदेन करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म के प्रावधान के अलावा कुछ और करने की अनुमति नहीं देता है. ई-कॉमर्स इकाई को परिचर सेवाएं प्रदान करने की अनुमति दी गई है. फिर अमेज़न को ई-कॉमर्स के इस मार्केटप्लेस आधारित मॉडल के लिए इतने पैसे की आवश्यकता क्यों पड़ी? इससे यह साफ़ जाहिर होता है की अपने निवेश का अधिकांश धन का उपयोग अमेज़न अपने पोर्टल पर बेचे जाने वाले उत्पादों पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से विभिन्न तरीकों के माध्यम से डिस्काउंट ऑफर्स मुहैया कराने के लिए करता है.

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