पटना:बिहार विधानसभा में ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत (audit report in bihar assembly) किया गया. रिपोर्ट पेश होने के बाद सीएजी ने संवाददाता सम्मेलन के जरिए रिपोर्ट की जानकारी दी. सीएजी (Comptroller and Auditor General) की रिपोर्ट में सरकार के दावों की पोल खुल गई और स्वास्थ्य (CAG report on Bihar Health Department) के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर का घोर अभाव दिखा. रिपोर्ट में बताया गया कि ज्यादातर जिलों में बिना लाइसेंस के ब्लड बैंक(blood bank without license in bihar) बैंक चल रहे हैं. इसके साथ ही रिपोर्ट में और भी कई खुलासे किए गए हैं.
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5 जिलों का ही ऑडिट: कोरोना काल का असर सीएजी के क्रियाकलाप पर भी पड़ा है. कोरोना काल के दौरान सभी विभागों का ऑडिट नहीं किया जा सका. स्वास्थ्य विभाग का ऑडिट किया गया. सिर्फ 5 जिलों बिहार शरीफ, हाजीपुर, जहानाबाद, मधेपुरा और पटना का ऑडिट किया गया जिसमें कई तरह की गड़बड़ियां पाई गईं हैं. प्रधान लेखा परीक्षक राम अवतार शर्मा (Auditor Ram Avtar Sharma) ने कहा कि शुरुआती दौर में 10 जिलों का ऑडिट करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन कोविड-19 के वजह से 5 जिलों का ही ऑडिट किया गया.
स्वास्थ्य विभाग में मानव संसाधन का घोर अभाव: राम अवतार शर्मा ने बताया कि आईपीएचसी की तुलना में बेड की संख्या 52% से 90% के बीच थी. जिला अस्पतालों में जनसंख्या अनुरूप बेड उपलब्ध नहीं थे. दो जिला अस्पतालों को छोड़ बाकी जिला अस्पतालों में 24 से 32% ही बेड थे. साल 2014 से 2020 के बीच डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ और टेक्नीशियन की लगातार कमी थी. लेकिन खाली पदों को भरने के लिए रिक्तियां प्रकाशित नहीं हुई.