पटनाः सीएम नीतीश कुमार के अलावे उनके मंत्रिमंडल में फिलहाल 13 मंत्री हैं, जबकि अधिकतम 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं. कैबिनेट के विस्तार को लेकर हर किसी को इंतजार है. पूर्व मंत्री खास तौर पर विस्तार का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. भाजपा नेताओं को जहां यह लग रहा है कि विकास को गति देने के लिए विस्तार जरूर चाहिए. वहीं, जदयू कोटे के पूर्व मंत्री नीतीश कुमार के भरोसे हैं.
कुछ कद्दावर नेताओं को नहीं मिली जगह
भारतीय जनता पार्टी ने कुछ कद्दावर नेताओं को पहले विस्तार में जगह नहीं दी है. कमेटी के सदस्य नंदकिशोर यादव और प्रेम कुमार बड़े चेहरे हैं, जिन्हें जगह नहीं मिली. बाद में उन्हें विधानसभा की कमेटी में जगह दी गई है. दोनों नेताओं के अलावा रामनारायण मंडल, कृष्ण कुमार और विनोद नारायण झा भी मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार कर रहे हैं. जदयू कोटे से भी श्रवण कुमार, नीरज कुमार, संजय झा, दामोदर रावत सरीखे नेता विस्तार के इंतजार में हैं.
जदयू नेताओं को नीतीश कुमार पर भरोसा
भाजपा कोर कमेटी के सदस्य और पूर्व कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा है कि मंत्रिमंडल का विस्तार शीघ्र होना चाहिए. भाजपा और जदयू ने चुनाव में जो वायदे किए हैं, उसे पूरा करने के लिए विस्तार जरूरी है. जदयू नेता और पूर्व मंत्री दामोदर रावत भी नीतीश कुमार की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं. दामोदर रावत का मानना है कि मंत्रिमंडल विस्तार पर नीतीश कुमार को फैसला लेना है. उनका जो फैसला होगा, उन्हें सभी लोग मानेंगे.
उचित समय पर लिया जाएगा फैसला
वहीं, भाजपा प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने कहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार के लिए कोई जल्दबाजी नहीं है. पार्टी के शीर्ष नेता दूसरे कार्यों में व्यस्त हैं. हमारी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी है. उचित समय पर फैसला ले लिया जाएगा. राजनीतिक विश्लेषक ललन सिंह का मानना है कि मंत्रिमंडल विस्तार भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है. बंगाल चुनाव से पहले भाजपा गंभीर संदेश देना चाहती है. युवाओं को तरजीह देकर भाजपा अपनी रणनीति को अंजाम तक पहुंचाना चाहती है. ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ और समय लग सकता है.