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Business Woman of Patna : नौकरी छोड़ी, कपड़े के बिजनेस में हुआ घाटा.. आज खड़ी कर दी 3 करोड़ टर्नओवर वाली कंपनी

राजधानी पटना की बिजनेस वुमन प्रियंका (Priyanka Business woman of Patna) ने महिलाओं के लिए एक मिशाल पेश की है. इंश्योरेंस सेक्टर में काम करने वाली प्रियंका ने आज जिस मुकाम को हासिल किया है, वो काबिलेतारीफ है. इससे कई महिलाओं को प्रेरणा मिलती है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

पटना की बिजनेस वुमन प्रियंका
पटना की बिजनेस वुमन प्रियंका

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Published : May 1, 2023, 10:42 AM IST

पटना की बिजनेस वुमन प्रियंका

पटना: बिजनेस करना नई बात नहीं है, जीवन में आगे बढ़ने के लिए कई लोग मेहनत करते हैं. इनमें कई सफल होते हैं, तो कई असफल होते हैं, लेकिन खबर और इतिहास वह बनाते हैं जो असफल होने के बाद भी सफलता की कहानी लिखते हैं. राजधानी पटना की प्रियंका (Business Woman Priyanka) भी वैसे ही लोगों में है. प्रियंका ने पुरुषों के उस क्षेत्र में अपना अलग मुकाम हासिल किया है, जिसे माना जाता है कि इनमें पुरुष ही बेहतर कर सकते हैं. इंश्योरेंस सेक्टर में काम करने वाली प्रियंका ने आज जिस मुकाम को पाया है उसके पीछे उनका उतार-चढ़ाव कहीं पीछे छूट जाता है. नौकरी को छोड़कर बिजनेस में हाथ आजमाना, बिजनेस खोलने के साथ ही जबरदस्त नुकसान होना, फिर दूसरे बिजनेस में हाथ लगाना और करीब एक साल तक लोगों के द्वारा कोई रिस्पाॉन्स नहीं मिलना. प्रियंका ने इन सारी चीजों पर विजय प्राप्त की और आज की तारीख में वह एक अलग मुकाम बना चुकी है.

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2014 में छोड़ी नौकरी: प्रियंका कहती हैं कि जब वह इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करती थी तब से ही उन्हें दिमाग में यह ख्याल होता था कि नौकरी करने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनना है. वर्ष 2010 से लेकर 2014 तक प्रियंका ने एक प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी की. तब उनकी सैलरी भी ज्यादा नहीं थी, उनकी पोस्टिंग झारखंड में थी. लेकिन वह अपने राज्य बिहार के लिए सोचती रहती थी. प्रियंका बताती हैं कि 2014 में उन्होंने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया और बिजनेस के बारे में सोचा और 2016 में राजधानी पटना में उन्होंने कपड़े का एक शोरूम खोल लिया. शो रूम खोलने के करीब दो महीने बाद ही अचानक नोटबंदी हो गई. जिसके कारण उन्होंने जितना भी पैसा लगाया था, वह सारा का सारा डूब गया. जबरदस्त हानि हुई, मानसिक तनाव से भी गुजरना पड़ा लेकिन उन्होंने खुद को हिम्मत देना बंद नहीं किया. वह सोचती थी कि यह दिन भी खत्म हो जाएगा, ऐसा दिन जरूर आएगा जब मेरी अपनी पहचान होगी.

पति ने भी छोड़ी नौकरी: प्रियंका बताती है कि जब कपड़े के बिजनेस में नुकसान हुआ, तब मैंने सोचा कि कोई ऐसा बिजनेस किया जाए जिसमें निरंतरता बनी रहे. फिर मैंने काफी रिसर्च किया मार्केट को भी देखा और उसके बाद मैंने लुब्रिकेंट और इंजन ऑयल बनाने और उसे सप्लाई करने का निर्णय लिया. वह कहती हैं यह निर्णय जितना बड़ा था उससे ही बड़ा टेंशन यह था कि इसके लिए पैसे कहां से आएंगे? क्योंकि शोरूम के बिजनेस में मेरा अच्छा खासा पैसा डूब चुका था. फिर भी मैंने हिम्मत नहीं हरी और अपनी पूरी प्लानिंग की. इसमें मेरे हस्बैंड का भी बहुत बड़ा योगदान रहा. आज वह भी मेरे काम में हाथ बटाते हैं, उन्होंने भी अपने जॉब से इस्तीफा दे दिया है.

दिल्ली में बनाई पहली कंपनी: प्रियंका कहती हैं कि 2016 में उन्होंने अपनी लुब्रिकेंट बनाने वाली कंपनी की नींव दिल्ली में डाली. तब दिल्ली के बवाना में मैंने अपनी फैक्ट्री की शुरुआत की. आज उनकी कंपनी के प्रोडक्ट बिहार के साथ झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, केरल में तो जा ही रहे हैं साथ ही साथ नेपाल और भूटान में भी उनके प्रोडक्ट की अच्छी खासी डिमांड है. इन राज्यों के अलावा इन दो देशों में भी प्रियंका की अपनी मार्केटिंग की टीम है और डिस्ट्रीब्यूटर का भी व्यापक नेटवर्क है. प्रियंका बताती हैं कि उन्होंने जब इंजन ऑयल ऑयल लुब्रिकेंट बनाने की फैक्ट्री की शुरुआत करने का फाइनल डिसीजन लिया, तब उनके पास उतनी राशि भी नहीं थी. फिर फैमिली, अपनी सेविंग और लोन के बाद करीब 45 लाख रुपए से उन्होंने शुरुआत की और आज की तारीख में उनका सालाना टर्नओवर ढाई करोड़ से भी ऊपर है.

दिल्ली में कंपनी खोलनी की वजह:प्रियंका बताती है कि इसके कई कारण है, जिसमें सबसे बड़ा कारण यह है कि प्रोडक्ट बनाने के लिए जितना कच्चा माल चाहिए वह आसानी से दिल्ली में मिल जाता है, जबकि बिहार में रॉ मैटेरियल आसानी से उपलब्ध नहीं होता है. यहां पर पैकेजिंग कॉस्ट भी बहुत ज्यादा है और सबसे बड़ी बात जो कि देश के दूसरे राज्यों में मेरे प्रोडक्ट जाते हैं तो उन राज्यों में प्रोडक्ट भेजने के लिए बिहार से ट्रांसपोर्टेशन की बहुत दिक्कत है. वह यह भी कहती हैं कि जब बिहार में मैंने अपनी फैक्ट्री की शुरुआत करने की सोची और जब मार्केट का रिसर्च किया तो मुझे ऐसा महसूस हुआ कि यहां पर चुनौती बहुत ज्यादा है. लोग यह स्वीकार ही नहीं करते थे कि लड़की होकर मैं काम करूंगी और सफल हो जाऊंगी. इसके अलावा जो ट्रेंड कर्मचारी चाहिए, उन्हें भी खोजने में मुझे बहुत परेशानी होती थी. जिसके बाद फाइनली मैंने दिल्ली में अपनी फैक्ट्री को शुरू करने का निर्णय लिया.

बनानी है 400 लोगों की टीम: प्रियंका कहती हैं उनका एकमात्र और सबसे बड़ा उद्देश्य यह है कि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को नौकरी दे. अभी उनके पास फैक्ट्री और मार्केटिंग से लेकर करीब 70 लोगों की टीम है. वह यह भी कहती हैं कि दो साल कोरोना वायरस के वह ज्यादा लोगों को नौकरी नहीं दे पाई, लेकिन इस दौरान उन्होंने अपनी पूरी प्लानिंग भी की. उनका टारगेट अगले दो साल में कम से कम 400 लोगों की टीम को खड़ा करने का है. कोई भी बिजनेस शुरू करें तो उनमें चुनौतियां तो होगी ही. हमने कपड़े का बिजनेस शुरू किया, उसमें नुकसान हो गया. लुब्रिकेंट के बिजनेस में भी बहुत दिक्कतें आई. लोग यहां तक कहते थे कि ये नई कंपनी है, काम नहीं करेगी. लड़की होने के नाते यह ज्यादा झेलना पड़ता था.

"किसी भी काम को करने के लिए जुनून होना चाहिए, स्त्री हर वह काम कर सकती है जो पुरुष कर सकते हैं. जब कोई यह सोचे कि महिला है और काम नहीं कर सकती है तो उस काम करने को करने में ज्यादा मजा आता है. मेरी प्लानिंग पूरे देश में अपने प्रोडक्ट को पहुंचाने की है. अभी जहां भी हमारा काम चल रहा है वहां से मुझे बेहतर रिस्पाॉन्स मिला है. जब आप सफल हो जाते हैं और आत्मनिर्भर हो जाते हैं तो यही समाज और यही फैमिली आपको सपोर्ट भी करती है. जब तक आप सफल नहीं होते हैं, तब तक लोग बहुत कुछ कहते हैं. जो भी करना है बस उसके ऊपर लग जाए."- प्रियंका, महिला उद्यमी

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