पटना: बिहार में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने और देश दुनिया के उद्योगपतियों को बिहार में लाने के लिए बिहार बिजनेस समिट का आयोजन किया जा रहा है. बिहार सरकार ने औद्योगिक निवेश के लिए लगभग 3000 एकड़ जमीन तय किया हुआ है. लेकिन इसमें प्रदेश के आठ ऐसे जिले हैं, जहां सरकार के पास कोई जमीन नहीं है.
सर्वाधिक जमीन पश्चिम चंपारण में: बिहार के किशनगंज, शिवहर, सारण, अरवल, शेखपुरा, जमुई, बांका और कैमूर ऐसे जिले हैं जहां जमीन उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा पूर्वी चंपारण में 1.78 एकड़ जमीन और सीतामढ़ी में मात्र एक एकड़ जमीन उपलब्ध है. प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए सर्वाधिक जमीन पश्चिम चंपारण के पास है. जहां करीब 2.53 एकड़ जमीन उपलब्ध है. वहीं अगर पटना जिले की बात करें तो पूरे प्रदेश में सबसे अधिक औद्योगिक जमीन पटना के पाटलिपुत्र में है. पाटलिपुत्र इंडस्ट्रियल इलाके में सरकार के पास 0.5 एकड़ जमीन है, जिसकी कीमत 1060 लाख प्रति एकड़ है.
"बिहार के लोग जो काम यहां 10,000 में करते हैं वह बाहर जाकर एक लाख में करते हैं. तो अब कोशिश ऐसी है कि वही काम बिहार में भी एक लाख में हो ताकि लोगों की आमदनी बढ़े. जो बेहतर कमाने के लिए बाहर जाना चाहते हैं उन्हें सरकार रोकेगी नहीं. सरकार उन लोगों से आग्रह करेगी कि वापस अपने प्रदेश लौट आएं."- समीर कुमार महासेठ, उद्योग मंत्री
बिहार बिजनेस कनेक्टः पटना के ज्ञान भवन में बुधवार 13 दिसंबर को बिहार बिजनेस कनेक्ट 2023 का आयोजन किया गया. समिट में लगभग 800 कंपनियां हिस्सा ले रही हैं. उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंडरिक ने बताया कि बिहार बिजनेस कनेक्ट 2023 में 800 कंपनियां हिस्सा लेने के लिए पहुंची हैं. 16 देश के प्रतिनिधि भी आए हुए रहे हैं. हजारों करोड़ का निवेश प्रस्तावित है.