पटना: बिहार में चमकी बुखार और लू से इतनी मौतों के बाद अब नीतीश सरकार और उसके नौकरशाहों की नींद खुली है. 100 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद जागरूकता कार्यक्रम शुरू किये गये. हालांकि इससे भी कुछ खास असर नहीं हुआ और मौतों का सिलसिला बदस्तूर जारी है. नौकरशाहों की इस लापरवाही ने बिहार में ब्यूरोक्रेसी की पोल तो खोली ही साथ ही नीतीश सरकार को बेइज्जत कराने में भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा.
बिहार में नौकरशाहों की चलती है. सरकार भी नौकरशाहों के भरोसे है. अज्ञात बीमारी फैलने के बाद सरकारी तंत्र की लापरवाही उजागर हुई. बीमारी फैलने से पहले जागरूकता के लिए कदम नहीं उठाए गए और 100 से ज्यादा बच्चों की जान जाने के बाद जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया गया. डैमेज कंट्रोल के लिए अधिकारियों ने लू-प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वेक्षण के लिए मुख्यमंत्री के कार्यक्रम भी तय कर दिए.
नीतीश सरकार की फजीहत करा रहे नौकरशाह
नीतीश के चहेते अधिकारी सरकार की फजीहत करा रहे हैं. अज्ञात बीमारी ने जब महामारी का रूप धारण कर लिया तब जागरूकता कार्यक्रम का दिखावा किया गया. आई-वॉश के लिए अधिकारियों ने कई बार हास्यास्पद स्थिति पैदा कर दी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए लू-प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा तय कर दिया गया. जब खबरें मीडिया में आईं तो इसे स्थगित किया गया.