पटना: बिहार में 'हेरिटेज' (ऐतिहासिक महत्व) भवनों का रखरखाव अब राज्य का भवन निर्माण विभाग करेगा. सरकार ने माना है कि राज्य के कई हेरिटेज भवन रखरखाव के अभाव में खराब होते जा रहे हैं. इसलिए अब इन भवनों की देखरेख की जिम्मेदारी भवन निर्माण विभाग को देने का फैसला लिया है. विभाग के इंजीनियर अपने अधीन आने वाले हेरिटेज भवनों की पहचान शुरू भी कर दी है. भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने विभाग के सभी कार्यपालक अभियंताओं को एक पत्र लिखकर अपने-अपने अधीन आने वाले क्षेत्रों में हेरिटेज भवनों की सूची एक सप्ताह के भीतर तैयार कर भेजने का निर्देश दिया है. इसके बाद इंजीनियर इन हेरिटेज भवनों का निरीक्षण भी करेंगे.
बिहार में ऐतिहासिक इमारतों का रखरखाव अब भवन निर्माण विभाग करेगा
भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने विभाग के सभी कार्यपालक अभियंताओं को एक पत्र लिखकर अपने-अपने अधीन आने वाले क्षेत्रों में हेरिटेज भवनों की सूची एक सप्ताह के भीतर तैयार कर भेजने का निर्देश दिया है. इसके बाद इंजीनियर इन हेरिटेज भवनों का निरीक्षण भी करेंगे.
विभागीय स्तर पर होगी कार्रवाई
निर्देश में हेरिटेज भवनों का नाम, उसकी विशेषता, क्षेत्रफल और शुरुआती रखरखाव में संभावित खर्च का आकलन भी तैयार किया जाएगा. सूची बनने के बाद इन भवनों के रखरखाव के लिए विभागीय स्तर पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी. बता दें कि पिछले दिनों एक बैठक में यह बात सामने आई थी कि राज्य के हेरिटेज भवनों की देखरेख सही तरीके से नहीं हो रही है.
क्या कहते हैं कार्यपालक अभिायंता ?
प्रधान सचिव ने कार्यपालक अभियंताओं को भेजे पत्र में उदाहरण देते हुए कहा है कि मुजफ्फरपुर के लंगट सिंह महाविद्यालय, भागलपुर के सुंदरवती महिला महाविद्यालय, पटना कॉलेज और दरभंगा के सीएम कॉलेज के भवन की स्थिति बेहद खराब है. राज्य के ज्यादातर हेरिटेज भवनों का कमोबेश यही हाल है. यह विभाग अब तक नए भवनों का निर्माण और उन्हीं भवनों की देखरेख ही करता रहा है.