पटना: बिहार विधानसभा में सोमवार को कृषि सहकारिता, अल्पसंख्यक कल्याण उद्योग और गन्ना उद्योग विभाग के बजट पर चर्चा हुई. कृषि विभाग की बजट पर चर्चा के बाद 2021-22 के लिए 33 अरब 35 करोड़ 45 लाख 43 हजार का बजट सदन से पास हो गया. वहीं कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह के जवाब का विपक्षी सदस्यों ने बहिष्कार किया. कृषि मंत्री ने कहा कि एक तरफ विपक्ष कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन की बात करता है और कृषि विभाग के महत्वपूर्ण बजट को भी गंभीरता से नहीं ले रहा है. जबकि कृषि के क्षेत्र में बिहार में काफी बदलाव आए हैं. उत्पादन और उत्पादकता दोनों बढ़े हैं.
यह भी पढ़ें:-ममता बनर्जी का बड़ा दावा- बिहार में जल्द गिरेगी नीतीश सरकार, तेजस्वी बनेंगे मुख्यमंत्री
'विपक्ष किसानों को लेकर गंभीर नहीं'
बिहार विधानसभा में सोमवार को कृषि विभाग के बजट पर चर्चा हुई. इस दौरान सत्ता पक्ष के कई सदस्य और विपक्ष के भी कई सदस्यों ने अपनी बात रखी. चर्चा के बाद सरकार की ओर से कृषि मंत्री ने बजट को लेकर अपना पक्ष रखा. कृषि मंत्री ने विधानसभा के बाहर खास बातचीत में कहा बजट में किसानों के लिए कई चीजें महत्वपूर्ण है. वहीं उन्होंने विपक्षी सदस्यों के बहिष्कार करने पर तेजस्वी यादव पर तंज कसा.
'बिहार में उत्पादन और उत्पादकता लगातार बढ़ रही है. 2005 के मुकाबले 100 प्रतिशत से भी अधिक वृद्धि हुई है. किसानों को कई तरह के अनुदान भी दिए जा रहे हैं. एक तरफ विपक्ष किसानों के साथ होने की बात करता है. लेकिन जब कृषि बजट की चर्चा हो रही होती है, तो नेता प्रतिपक्ष सदन से गायब रहते हैं. ऐसे में इनकी गंभीरता आसानी से समझी जा सकती है. बिहार में कृषि के क्षेत्र में जिस प्रकार से सरकार ने कार्य किया है, उसके कारण 5 कृषि कर्मण पुरस्कार भी मिला.' -अमरेंद्र प्रताप सिंह, कृषि मंत्री.
बिहार बढ़ रहा आत्मनिर्भरता की ओर
वहीं अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा धान की खरीद अभी हुई है और अब गेहूं, मक्का और दलहन की भी खरीदारी की रणनीति बन रही है. बीज उत्पादन को लेकर कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार में काफी इजाफा हुआ है. पहले बीज निगम को बंद कर दिया गया था. चरवाहा विद्यालय खोल दिया गया. लेकिन नीतीश कुमार के आने के बाद आज बीज उत्पादन कई गुना बढ़ चुका है और बिहार आत्मनिर्भरता की ओर है.
यह भी पढ़ें:-70% आबादी के लिए 2% से भी कम बजट, सरकार की यह कैसी नीति? तेजस्वी
इथेनॉल को लेकर केंद्र सरकार के फैसले की तारीफ
वहीं गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार ने इथेनॉल को लेकर नीतीश कुमार के सुझाव पर केंद्र सरकार के फैसले की तारीफ़ भी की. उन्होंने कहा कि इससे चीनी उद्योग के क्षेत्र में काफी विकास होगा. उन्होंने चीनी मिल बंद करने के लिए विपक्ष पर निशाना भी साधा और उसको लेकर नोकझोंक भी हुई. अन्य विभागों के बजट को पढ़ा हुआ मान लिया गया.