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BSSC CGL Exam: BPSC की तरह BSSC नहीं बरत रहा पारदर्शिता, छात्र नेता दिलीप ने दी आंदोलन की चेतावनी

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Published : Jun 12, 2023, 8:02 PM IST

छात्र नेता दिलीप कुमार का कहना है कि बीएसएससी पारदर्शिता नहीं बरत रहा है और किस आधार पर परसेंटाइल तय किया गया है, यह भी नहीं बताया जा रहा है. साथ ही बीएसएससी को सात दिनों का समय दिया गया है. मांग पूरी नहीं होने पर पटना में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई है.

Student leader Dilip kumar
Student leader Dilip kumar

छात्र नेता दिलीप ने दी आंदोलन की चेतावनी

पटना:छात्र नेता दिलीप कुमारने बीएसएससी को आंदोलन की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है अगर 7 दिनों के अंदर बीएसएससी सीजीएल 3 की ओएमआर शीट की कार्बन कॉपी, 9 लाख अभ्यर्थियों के मार्क्स, आंसर शीट जारी नहीं करती है तो आंदोलन किया जाएगा.

पढ़ें- BSSC CGL Exam: बीएसएससी में धांधली करने का आरोप, अभ्यर्थी बोले- 'आंसर सीट जारी करे आयोग'

पटना में आंदोलन की चेतावनी: दिलीप ने कहा कि पूरे जिला का दौरा करेंगे और छात्रों को एकजुट करके राजधानी पटना में बड़ा आंदोलन करेंगे. छात्र नेता दिलीप ने साफ किया है कि यदि 7 दिनों के अंदर बीएसएससी अपने अंदर पारदर्शिता नहीं लाती है तो वह लोग आंदोलन करने को विवश होंगे. इसकी जिम्मेदारी छात्रों की नहीं होगी बल्कि बीएसएससी और बिहार सरकार की होगी.

"सीजीएल तीन की परीक्षा में फर्स्ट शिफ्ट की परीक्षा पेपर लीक के कारण कैंसिल हो गई. जब दोबारा परीक्षा ली गई तो उसमें मात्र 2500 के करीब अभ्यर्थी सफल हुए. जबकि सेकंड और थर्ड शिफ्ट की परीक्षा में सम्मिलित अभ्यर्थियों में 4100 और 4200 सौ के करीब अभ्यर्थी मेंस के लिए सफल हुए हैं."- दिलीप, छात्र नेता

'बीएसएससी नहीं बरत रहा पारदर्शिता':छात्र नेता ने कहा कि बीएसएससी पारदर्शिता नहीं बरत रहा है और किस आधार पर परसेंटाइल तय किया गया है, यह भी नहीं बताया जा रहा है. 900000 अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों को यह जानने का हक है कि अभ्यर्थियों ने परीक्षा में कितने अंक प्राप्त किए हैं. बीएसएससी सभी परीक्षार्थियों के अंक नहीं जारी कर रही है. इससे यह भी संदेह हो रहा है कि सभी अभ्यर्थियों के उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं हुआ है.

अभ्यर्थियों ने लगाए गंभीर आरोप: छात्र नेता दिलीप ने कहा कि उनके पास प्रतिदिन बीएसएससी अभ्यर्थी कॉल कर रहे हैं और कह रहे हैं कि आयोग को ओएमआर शीट का कार्बन कॉपी और आंसर की शीट जारी करना चाहिए. कई अभ्यर्थी यह भी आरोप लगा रहे हैं कि बीएसएससी में बहुत बड़ी धांधली सेटिंग हुई है और मेरिट में आने वाले अभ्यर्थियों के ओएमआर शीट में अलग से एक्स्ट्रा गोला भरा गया है ताकि सही प्रश्न भी गलत हो जाएं.

'900000 अभ्यर्थियों के साथ अन्याय': छात्र नेता दिलीप ने कहा कि आखिर बीपीएससी अपने परीक्षा में पारदर्शिता ला चुकी है लेकिन बीएसएससी को परीक्षा में पारदर्शिता लाने में क्या दिक्कत हो रही है, यह समझ में नहीं आ रहा है. 900000 अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है. बीएसएससी यदि अभ्यर्थियों के संदेह को दूर करना चाहती है तो 7 दिन के अंदर उसे परीक्षा में पारदर्शिता लाते हुए यह बताना होगा कि परसेंटाइल किस आधार पर तय किया गया.

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