पटना: बिहार देश का पहला ऐसा राज्य बना है जहां महिला पुलिस बटालियन को सीआरपीएफ के अंडर में अर्धसैनिक बल के तर्ज पर ट्रेनिंग दिलाई गई है. बिहार एटीएस (ATS Bihar) के इतिहास में पहली बार बिहार महिला बटालियन को शामिल किया जाएगा. बिहार पुलिस अब महिला कमांडो (Brave Lady Commandos) से लैस हो चुकी है.
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हाल ही में बीएमपी जो कि अब बिहार सशस्त्र पुलिस बन चुका है, उनमें से चयनित बिहार महिला जवान कमांडो, ट्रेनिंग कर अब वापस बिहार लौट आई हैं. अब बहुत जल्द इनमें से कुछ मुख्यमंत्री की सुरक्षा के साथ-साथ वीआईपी की सुरक्षा में तैनात की जाएंगी, तो वहीं कुछ महिला बटालियन को एटीएस और एसटीएफ में आतंकियों, नक्सलियों से लोहा लेने के लिए भी भेजा जाएगा.
आंखों में अपराधियों के खिलाफ आग और बुलंद हौसले लिए बिहार की महिला कमांडो तैयार हैं. इन लोगों का चयन हाल ही में बिहार की पहली महिला कमांडो के तौर पर किया गया है. चयन के बाद इन सभी को महाराष्ट्र के मुतखेड स्थित सीआरपीएफ के कोबरा यूनिट की देखरेख में 3 महीने का कड़ा प्रशिक्षण दिया गया है.
कमांडो की कड़ी ट्रेनिंग लेकर बिहार लौटी महिला कमांडो की मानें तो वह काफी खुश हैं कि वह बेहतर पुलिसिंग के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो चुकी हैं. वहीं दूसरी महिला कमांडो की मानें तो वह मुख्यमंत्री के सुरक्षा में तैनात रहकर महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल कायम करना चाहती हैं. इसके साथ साथ दूसरी महिलाओं और लड़कियों के लिए वह मिसाल बनना चाहती हैं.
बहुत गर्व का अनुभव हो रहा है. ऐसा कोई काम नहीं जो हम नहीं कर सकते हैं. ट्रेनिंग के बाद हम सभी का आत्मविश्वास काफी बढ़ गया है. ट्रेनिंग काफी मुश्किल था, लेकिन धीरे धीरे सब हो गया. जंगल में भी एक सप्ताह हमें रखा गया.-लूसी कुमारी, महिला कमांडो
ट्रेनिंग के दौरान हर चुनौती का मुकाबला करने के लिए सभी महिला कमांडो को तैयार किया गया है. इन्हें बड़े से बड़े हमलों को नाकाम करने के लिए विशेष प्रशिक्षण के साथ-साथ छोटे से लेकर बड़े आधुनिक हथियार को चलाने की ट्रेनिंग दी गई है. इसके साथ साथ ट्रेनिंग के दौरान जंगल में बिना खाए पिए सीमित संसाधन के बीच कैसे रहा जाता है, इसके लिए भी तैयार किया गया है. महिला कमांडो को विशेष तौर पर गठित एजेंसियों में जल्द ही तैनात कर दिया जाएगा, जहां चुनिंदा पुलिस वालों को ही मौका दिया जाता है.
पहले हमें लग रहा था कि नहीं कर पाएंगे लेकिन फिर कर लिया. पुरुषों की तरह ही हमें भी प्रशिक्षण दिया गया. बहुत अच्छा लग रहा है. अब हम भी वहां जाएंगे जहां सिर्फ लड़कों को महत्व दिया जाता है.- अंजलि कुमारी, महिला कमांडो
पुलिस की महिला कमांडो का चयन विभिन्न वाहिनीयों से किया गया है. इसमें हमारी दो पदाधिकारियों ने बहुत ही अहम भूमिका अदा की है. चयन के उपरांत इन्हें ट्रेनिंग दी गई और इन सभी ने कठिन प्रशिक्षण प्राप्त किया है. बिहार के लिए ये हमारी बहुत अच्छी और प्रशिक्षित फोर्स है.इनको आवश्यकता अनुसार डेप्यूट किया जाएगा.- आलोक राज,डीजी ट्रेनिंग
ट्रेनिंग पूरा कर लौटने वाली बिहार महिला कमांडो स्पेशल सिक्योरिटी ग्रुप यानी कि एसएससी में योगदान करेंगे. वहीं एसएसजी जो बिहार के मुख्यमंत्री की सुरक्षा संभालती है. इसमें तेज तर्रार पुलिस अधिकारियों और जवानों को ही तैनात किया जाता है. उसके अलावा कुछ महिला कमांडो की टीम आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए विशेष तौर पर गठित एटीएस में भी शामिल की जाएंगी. साथ ही महिला कमांडो को बिहार पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स यानी कि STF और स्पेशल ऑपरेशन में लगाया जाएगा.
कुल मिलाकर कहें तो समय आने पर महिला दुर्गा काली और पार्वती का रूप ले लेती है. इन महिलाओं पर यह बात कहीं ना कहीं सही साबित होती दिख रही है. क्योंकि इन महिलाओं को जब थोड़ी सी हिम्मत दी गई तो इन्होंने साबित कर दिया कि ये किसी से भी पीछे नहीं है. यह आज कमांडो बंद कर हर मोर्चे पर लोहा लेने को तैयार हैं.
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