पटना: बिहार में भीषण गर्मी पड़ रही है. चिलचिलाती गर्मी का असर लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है. तापमान 40 डिग्री से अधिक होते ही एक बार फिर से ब्रेन स्ट्रोक के मामले प्रदेश के अस्पतालों में बढ़ने लगे (Brain Stroke Cases Increased in Patna) हैं. पटना के आईजीआईएमएस अस्पताल में प्रतिदिन 3 से 4 स्ट्रोक के मामले सामने आ रहे हैं. वहीं पीएमसीएच में भी इनकी संख्या दो से तीन रह रही है. आईजीआईएमएस में बीते 24 घंटे में अस्पताल में ब्रेन स्ट्रोक की शिकायत के 15 मरीज एडमिट हुए हैं. मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने भी अलर्ट जारी कर दिया है.
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दो प्रकार के होते हैं ब्रेन स्ट्रोकः इस मामले को ऐसे भी जान सकते हैं कि कड़ाके की ठंड और भीषण गर्मी के समय ब्रेन स्ट्रोक के मामले क्यों बढ़ जाते हैं. पटना मेदांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर दीपा ने बताया कि कड़ाके की ठंड हो या भीषण गर्मी, ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ जाते हैं. ब्रेन स्ट्रोक दो प्रकार के होते हैं, एस्कीमिक और हेमरेजिक. एस्कीमिक स्ट्रोक सबसे कॉमन होता है. इसमें खून का संचार शरीर में कम होने पर दिमाग की नस सिकुड़ जाती है. हेमोरेजिक स्ट्रोक में खून का अत्यधिक प्रवाह होने से नस फट जाती है. जाड़े के दिनों में हेमरेजिक स्ट्रोक अधिक होते हैं. क्योंकि ब्लड प्रेशर जाड़े के दिनों में लोगों का बढ़ा रहता है, वहीं गर्मी के दिनों में एस्कीमिक स्ट्रोक अधिक होते हैं और इसकी वजह है खून के प्रवाह का कम होना.