पटना:कोरोना से ठीक होने के बाद पोस्ट कोविड सिंड्रोम (Post Covid Syndrome) के तौर पर लोगों में कई बीमारियां घर कर रही है. गंभीर बीमारियों की बात करें तो हाल के दिनों में कोरोना से ठीक हुए लोगों में बढ़ते हुए ब्रेन स्ट्रोक के मामले चिंता का विषय बन गए हैं. पीएमसीएच में इन दिनों प्रतिदिन 7 से 10 मरीज ब्रेन स्ट्रोक के आ रहे हैं. आईजीआईएमएस और पटना एम्स में भी यही स्थिति है. आईजीआईएमएस में ब्रेन हेमरेज के जो केस आ रहे हैं, उनमें से 50 फीसदी से अधिक मरीजों में कोविड की हिस्ट्री मिल रही है. यानी कि वह संक्रमण के दूसरे या तीसरे लहर में संक्रमित होकर ठीक हुए रहते हैं. आईजीआईएमएस में शनिवार को एक ही दिन में ब्रेन स्ट्रोक के 8 नए मामले सामने आए और अभी के समय लगभग 25 की संख्या में मरीज एडमिट है.
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आईजीआईएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि कोरोना की पहली, दूसरी और तीसरी लहर में भी उनके पास काफी संख्या में ब्रेन स्ट्रोक के ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिनका कारण अनियमित ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर के साथ-साथ कोरोना की हिस्ट्री भी है. उन्होंने कहा कि अनियमित ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर के वजह से मुख्यतः ब्रेन स्ट्रोक होता है. ऐसे में अभी के समय जो ब्रेन स्ट्रोक के पेशेंट आ रहे हैं, उनमें 50 फीसदी से अधिक में कोरोना की हिस्ट्री मिल रही है. यानी कि वह कोरोना से पूर्व में संक्रमित होकर ठीक हुए रहते हैं.
डॉ. मनीष मंडल ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से संक्रमित व्यक्ति के शरीर की इम्युनिटी काफी कम हो जाती है. जब इम्यूनिटी कम होती है तो ब्रेन की नसें भी कमजोर हो जाती हैं. इस दौरान यदि व्यक्ति अपने ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को कंट्रोल में नहीं रखता है तो उसके ब्रेन का नस फट जाता है, जिसे सामान्य भाषा में ब्रेन स्ट्रोक कहते हैं और मेडिकल टर्म में सीवीए कहा जाता है. उन्होंने कहा कि अभी के समय में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है.
ऐसे में वह ईटीवी भारत के माध्यम से लोगों से अपील करेंगे कि जो लोग भी बुजुर्ग हैं और पहले से ब्लड प्रेशर और शुगर जैसी बीमारी से ग्रसित हैं और इसके साथ ही कोरोना से हाल ही में उबरे हैं, वह अपने ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की निगरानी करें और उसे कंट्रोल में रखें. ऐसे लोगों को विशेष सावधान और सचेत रहने की आवश्यकता है. ऐसे लोग जब भी ठंड के मौसम में कमरे से बाहर निकलते हैं तो कान को गर्म कपड़े से ढक करके निकले. ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की दवा नियमित रूप से लेनी है. डॉ मनीष मंडल ने बताया कि पिछले 10 दिनों में अस्पताल में उनके यहां लगभग 50 मामले ब्रेन स्ट्रोक के आए हैं और इनमें लगभग 25 में कोरोना की हिस्ट्री मिली है. इन लोगों की इम्युनिटी भी काफी कम मिली है. उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में ऐसे 10 मरीजों को उन्होंने डिस्चार्ज किया है लेकिन फिर भी 25 की संख्या में ब्रेन स्ट्रोक के मरीज अस्पताल में अभी भी मौजूद हैं. ब्रेन हेमरेज के मामले 40 वर्ष से 70 वर्ष की आयु वाले में मिल रहे हैं लेकिन 50 वर्ष से 60 वर्ष वालों में इसकी संख्या अधिक है.