पटना:बीपीएससी की परीक्षा तो रद्द (BPSC PT Exam cancelled) हो गई लेकिन उन उम्मीदवारों का क्या जिसने रात रात भर पढ़ाई की? आधी रात को परीक्षा सेंटर तक पहुंचे, कुछ घंटे सोये. कुछ अभ्यर्थी चिलचिलाती धूप में केंद्र को खोजते एग्जामीनेशन हॉल तक पहुंचे. कटऑफ क्लियर करने की उम्मीद में शांत मन से परीक्षा दी. घर पहुंचते ही खबर आई कि पेपर लीक होने के कारण परीक्षा रद्द हो गया है. अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इतनी मेहनत और कष्ट के बाद परीक्षा रद्द होने पर उस परीक्षार्थी पर क्या गुजर रही होगी.
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आयोग से उठा अभ्यर्थियों का भरोसा: 8 मई रविवार को बीपीएससी 67वीं की प्रीलिम्स परीक्षा आयोजित की गई और परीक्षा समाप्ति के 4 घंटे बाद ही पेपर वायरल होने की वजह से परीक्षा रद्द हो गयी. अपने गृह जिले से सैकड़ों किलोमीटर दूर जो अभ्यर्थी परीक्षा देने निकले हुए थे, वह अभी घर लौटे भी नहीं कि रास्ते में उन्हें पता चला कि जिस परीक्षा के लिए उन्होंने लंबा संघर्ष किया, लंबी यात्रा की, महीनों कड़ी मेहनत की थी, वह परीक्षा अब रद्द हो गई है. ऐसे में बीपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों का मनोबल टूट गया है. अभ्यर्थियों का कहना है कि उनका आयोग की विश्वसनीयता से भरोसा उठ गया है.
परीक्षार्थियों के दर्द की कहानी उनकी जुबानी: बीपीएससी अभ्यर्थी कृष्ण कांत कुमार ने बताया कि प्रदेश में छोटे लेवल की परीक्षाओं में सेटिंग होने की बात उन्होंने सभी से सुनी है. ऐसे में उन्होंने बीपीएससी परीक्षा के लिए ही तैयारी करना खुद के लिए उचित समझा. उन्होंने कहा कि उनकी नजर में अब तक यह प्रदेश का सबसे हाई लेवल एग्जाम था लेकिन इस हाई लेवल एग्जाम के साथ इस प्रकार जो कुछ हुआ है उससे उनका आयोग से भरोसा उठा है. उन्होंने जब से तैयारी करनी शुरू की तो पहले तो मनोबल इससे टूटा कि बार-बार परीक्षा का डेट बढ़ता गया. तीन बार परीक्षा का डेट आगे बढ़ाया गया. परीक्षा निर्धारित समय से 7 से 8 महीने विलंब से हुई. ऊपर से यह परीक्षा कैंसिल हो गई ऐसे में यह समझ में नहीं आ रहा है कि एक परीक्षा के लिए कितने वर्षों तक तैयारी की जाए.
परीक्षार्थियों की परेशानी: पटना के राजीव नगर स्थित एक लाइब्रेरी में घंटों बैठकर बीपीएससी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा के लिए उन लोगों ने सब कुछ छोड़ कर प्रतिदिन घंटों पढ़ाई की थी. परीक्षा देने के बाद परीक्षा रद्द हो गई. युवक शशि रंजन ने बताया कि उनका गृह जिला सीतामढ़ी है. उनका सेंटर कटिहार पड़ा था. आवागमन की भी अच्छी सुविधा नहीं थी. कटिहार परीक्षा सेंटर जाने के लिए वे पटना से ट्रेन में सवार हुए और खड़े-खड़े यात्रा पूरी की. कटिहार पहुंचने पर भी आसपास कहीं होटल नहीं मिला क्योंकि अभ्यर्थियों की भीड़ काफी अधिक थी.
स्टेशन पर रुककर गुजारी रात: ऐसे में अभ्यर्थियों ने स्टेशन पर ही समय बिताया और वहीं से फ्रेश होकर परीक्षा सेंटर खोजते हुए परीक्षा सेंटर पहुंचे. परीक्षा दी. उनका एग्जाम बढ़िया गया. यह उनका तीसरा अटेम्प्ट था. इस बार तैयारी उनकी अच्छी थी और परीक्षा भी अच्छा हुआ था. उन्हें पूरा विश्वास था कि इस बार उनका प्रीलिम्स क्लियर हो रहा है. उन्होंने कहा कि हालांकि परीक्षा केंद्र के अंदर सील पैक लिफाफे में पेपर नहीं आया. सभी को बांट दिया गया और सभी छात्र सॉल्व करने लगे. परीक्षा देकर निकले तो फिर आने के लिए कोई ट्रेन नहीं. लगभग 5 घंटे उन्होंने स्टेशन पर ट्रेन की प्रतीक्षा में समय काटा और फिर ट्रेन पकड़ी.