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Darbhanga Blast: बेऊर जेल प्रशासन को 'आतंकी भाई' के पास से मिले ब्लूटूथ और इयरफोन

इमरान और नासिर, दरभंगा पार्सल ब्लास्ट मामले में बेऊर जेल में है. एनआईए के कस्टडी से जब उन्हें बेऊर जेल लाया गया तो उनकी तलाशी ली गई. तलाशी में उनके पास से कुछ सामान मिले, जो दो सप्ताह में नहीं मिले थे. पढ़ें पूरी खबर..

Beur Jail
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Published : Jul 16, 2021, 9:19 PM IST

Updated : Jul 16, 2021, 10:55 PM IST

पटनाःदरभंगा पार्सल ब्लास्ट (Darbhanga Parcel Blast) मामले में गिरफ्तार इमरान और नासिर (Imran And Nasir) को एनआईए की कस्टडी से बेऊर जेल भेजा गया था. इस दौरान जेल प्रशासन द्वारा ली गई तलाशी में इनके पास से एक ब्लूटूथ, एक इयरफोन और चार डिब्बा सिगरेट बरामद हुआ है. फिलहाल, अब तक बरामद सामानों की जिम्मेवारी किसी ने नहीं ली है.

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बता दें कि दरभंगा पार्सल ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार इमरान और नासिर को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया. दोनों को 23 जुलाई तक जेल हिरासत में भेज दिया गया है. NIA कोर्ट के न्यायाधीश के मौजूद नहीं होने के कारण रेगुलर कोर्ट में दोनों को पेश किया गया. पेशी के बाद नासीर और इमरान को बेऊर जेल भेजने का फैसला कोर्ट ने सुनाया.

दोनों को कड़ी सुरक्षा में एटीएस कार्यालय से कोर्ट लाया गया था. इससे पहले आज सुबह मेडिकल की टीम एटीएस दफ्तर पहुंची. यहां पर दोनों आतंकियों का कोरोना टेस्ट किया गया. एंटिजन के माध्यम से यह जांच हुई. बताते चले कि दरभंगा स्टेशन पर पार्सल धमाका मामले में इमरान और नासिर को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था. इन दोनों आतंकियों की पटना एनआईए कोर्ट में 9 जुलाई को पेशी हुई थी, जिसमें एनआईए ने दोनों को 10 दिनों की रिमांड पर लेने की मांग की थी. इस मांग पर विचार करते हुए कोर्ट ने 8 दिनों की रिमांड पर सौंपा था.

बता दें कि कोर्ट से रिमांड की अनुमति मिलने के बाद एनआईए ने दोनों को दिल्ली लेकर गई थी, जहां इनसे काफी लंबी पूछताछ की गई. इस बीच एनआईए की सात सदस्यीय टीम दरभंगा पहुंचकर जांच की थी. इस मामले में अब तक 17 लोगों का बयान दर्ज किया जा चुका है. इसका दस्तावेज भी एनआईए कोर्ट को सौंपेगी.

इधर, इसी मामले में यूपी के शामली से गिरफ्तार कफील और सलीम को 23 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में रखने का निर्देश कोर्ट दे चुका है. वे दोनों फिलहाल पटना के बेऊर जेल में बंद हैं. वहीं तबीयत खराब होने के कारण सलीम का इलाज भी किया जा रहा है.

गौरतलब है कि एनआईए ने नासिर मलिक और इमरान मलिक को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था. दोनों सगे भाई हैं. पूर्व में ये दोनों सिमी के लिए काम कर चुके हैं. इसके लिए करोड़ों की फंडिंग आईएसआईएस (ISIS) द्वारा की गई थी. इस मामले में शामली के कुछ नामी लेडीज सूट कारोबारी NIA के रडार पर हैं.

इधर, रडार पर आए लेडीज सूट कारोबारी कासिम उर्फ कफील और सलीम उर्फ टुइया से NIA और ATS की टीम ने पूछताछ की थी. पूछताछ के दौरान कासिम और सलीम ने कई खुलासे किए थे. जानकारी के अनुसार, कैराना से गिरफ्तार सलीम पाकिस्तान के इकबाल काना के संपर्क में था. सूत्र बताते हैं कि दरभंगा ब्लास्ट कराने की जिम्मेदारी आईएसआईएस (ISIS) से सलीम को मिली थी.

बता दें कि 17 जून को दरभंगा स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर ट्रेन से पार्सल उतारने के क्रम में ब्लास्ट हो गया था. इसके बाद से ही हमले के आतंकी कनेक्शन को खंगाले जाने लगे थे. अब तक इस मामले में यूपी एटीएस ने शामली से दो संदिग्ध (पिता-पुत्र) को गिरफ्तार किया था. वहीं, आईएसआईएस के लिए काम करने वाले एक शख्स को तेलंगाना एटीएस ने गिरफ्तार किया था. फिलहाल एनआईए इस पूरे मामले की जांच कर रही है.

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Last Updated : Jul 16, 2021, 10:55 PM IST

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