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Published : Aug 8, 2022, 11:11 PM IST

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बिहार में सियासी घमासान, केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार के नेताओं को बुलाया दिल्ली

बिहार में राजनीतिक संकट (political crisis in bihar) की स्थिति बनी हुई है. जदयू के एनडीए गठबंधन से अलग होने की खबर आ रही है. वहीं, बीजेपी की केंद्रीय नेतृत्व इस पूरे मामले पर नजरें बनाई हुई है. केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश के कई नेताओं को दिल्ली बुलाया है. पढ़ें पूरी खबर..

जेपी नड्डा और नीतीश कुमार
जेपी नड्डा और नीतीश कुमार

पटना:बिहार में सियासी घमासान (Political turmoil in Bihar) की स्थिति बनी हुई है. इसी बीच बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश के शीर्ष नेताओं को स्थिति का आकलन करने और आगे की कार्ययोजना तैयार करने के लिए दिल्ली बुलाया है. रविशंकर प्रसाद, शाहनवाज हुसैन, नितिन नवीन और सतीश चंद्र दुबे दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं. सत्तारूढ़ जेडीयू, राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, हम और वाम दलों सहित राज्य के अन्य राजनीतिक दलों के मंगलवार को अलग-अलग बैठकें बुलाने के मद्देनजर यह घटनाक्रम देखने को मिला है.

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने पुष्टि की है कि उनकी पार्टी ने मंगलवार को बैठक में सभी विधायकों, एमएलसी और सांसदों को उपस्थित रहने को कहा है. उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह के बाहर निकलने के कारण स्थिति उत्पन्न होने के बाद भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा करने के लिए एक बैठक बुलाई गई है. हालांकि, कारण बहुत मजबूत नहीं लगता है क्योंकि अन्य राजनीतिक दल मंगलवार को पटना में भी यही कवायद कर रहे हैं.

"हर पार्टी अपने विधायकों की बैठकें करती है और इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है. हमने 31 जुलाई को भी ऐसा ही किया था. वर्तमान में, बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार सुचारू रूप से चल रही है."-संजय जायसवाल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष

"बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार सुचारू रूप से चल रही है. फिलहाल हमारा भाजपा से कोई मतभेद नहीं है."-उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जदयू

बता दें कि यह 2017 की स्थिति के साथ प्रतिध्वनित हो रहा है, जब जदयू के नेता अंतिम क्षण तक महागठबंधन (राजद और कांग्रेस के साथ) के साथ सबकुछ ठीक होने का दावा कर रहे थे. लेकिन इसी बीच नीतीश कुमार ने राजभवन जाकर बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. नीतीश ने यह भी सिफारिश की थी कि राज्यपाल विधानसभा को भंग कर दें. लेकिन इस बार स्थित अलग है. माना जा रहा है कि नीतीश कुमार राज्यपाल को अपने मंत्रिमंडल से विशेष मंत्रियों को बर्खास्त करने की सिफारिश करेंगे.

जेडीयू के अंदरूनी सूत्र का मानना है कि उनकी पार्टी और भाजपा के बीच संबंधों में खटास आने के कोई एक कारण नहीं हैं. इसका एक कारण भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा का वह बयान है, जो उन्होंने 31 जुलाई को कहा था कि वह देश से हर क्षेत्रीय दल का सफाया करना चाहते हैं. उनका निशाना राजद, जदयू, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे समूह), शिरोमणि अकाली दल, दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी आदि पर था. ऐसे में कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि हो सकता है कि जदयू ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने पर विचार कर लिया हो. वहीं, प्रदेश के 200 विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी के 'प्रवास' कार्यक्रम को जदयू के लिए खतरे के तौर पर देखा जा रहा है.

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