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FPO के जरिए किसानों को सशक्त करने की तैयारी, BJP कार्यकर्ता किसानों को कर रहे हैं जागरूक - किसानों को लेकर पीएम की परियोजना

किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार के साथ-साथ भाजपा कार्यकर्ता भी किसानों के बीच जा रहे हैं. प्रदेश में बड़े स्तर पर किसान उत्पाद संगठन बनाने के लिए भाजपा कार्यकर्ता किसानों को प्रशिक्षण दे रहे हैं.

farmer produce organizations
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Published : Feb 4, 2021, 10:44 PM IST

पटना: भारतीय जनता पार्टी की बिहार इकाई केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर जनता के बीच जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी परियोजना किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को लेकर पार्टी के नेताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल समेत तमाम पार्टी के नेताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है. नेता किसानों के बीच जाकर किसानों को एफपीओ बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

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दरअसल, कृषि यंत्र और अन्य सामग्री लगातार महंगे होते गए हैं. इस समस्या को देखते हुए पीएम मोदी ने किसान उत्पादक संगठन बनाने पर जोर दिया है. इसका मुख्य उद्देश्य ग्राम स्तर पर किसान समूहों को प्रेरित करना है. वहीं इस समूहों के माध्यम से उनके द्वारा अपनी और अपने समुदाय की आर्थिक और सामाजिक परिस्थिति को बेहतर बनाना है. इसके लिए कार्यकर्ताओं को भी आगे आने के लिए कहा गया है. गौरतलब है कि बिहार में 12 सौ से अधिक किसान उत्पादक संगठन बनाए जाने हैं.

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एफपीओ का गठन
किसान उत्पादक संगठन के गठन के लिए सबसे पहले कृषक हित समूह (एफआईजी) का गठन करना होता है. शुरुआत में कम से कम 10 ग्रुप का गठन किया जाना अपेक्षित है. प्रत्येक ग्रुप में कम से कम 15 और ज्यादा से ज्यादा 20 किसान सदस्य होंगे. सभी ग्रुप अपना-अपना खाता खोलेंगे. ग्रुप में एक अध्यक्ष, एक सचिव और एक कोषाध्यक्ष होंगे. बाकी सभी सदस्य होंगे. ग्रुप के सदस्यों से 150 रुपया का शुल्क भी निर्धारित कर सकते हैं.

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इसके बाद कंपनी एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. इसके लिए 5 से 10 एफआईजी का निर्माण किया जाना चाहिए. जिसमें किसानों की संख्या 300 से ऊपर हो. किसानों से 1000 रुपए का शेयर मनी बैंक में जमा करा लिया जाए, ताकि जमा राशि के आधार पर बैंक इक्विटी ग्रांट करेगी. इसमें अधिकतम 15 लाख इक्विटी ग्रांट हो सकती है. यह प्रक्रिया एक्टिव गठन के 3 माह के अंदर करना होता है.

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प्रोसेसिंग इकाई के लिए दी जा रही सब्सिडी
एफपीओ के जरिए प्रोसेसिंग इकाई में 50 प्रतिशत या उससे ज्यादा की सब्सिडी है. इसके अलावा किसी यंत्रों में 90 प्रतिशत की सब्सिडी मिलती है. किसान रिटेल आउटलेट भी खोल सकते हैं. जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 15 लाख और शहरी क्षेत्रों में 25 लाख की योजना है. इसमें 50 प्रतिशत की सब्सिडी है. कोल्ड स्टोर के निर्माण में भी 50 प्रतिशत की सब्सिडी है. दूसरी तरफ कृषि उत्पादकों को सीधे बाजार में जाने के बजाय प्रोसेसिंग के बाद भेजने से किसानों को ज्यादा लाभ दिलाया जा सकेगा.

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पार्टी कार्यकर्ता किसानों को कर रहे हैं प्रशिक्षित
भाजपा प्रवक्ता अखिलेश सिंह एक्टिव एफआईजी को लेकर किसानों के बीच जा रहे हैं और उन्हें जागरूक कर रहे हैं. अखिलेश सिंह ने बताया कि किसान उत्पादक संगठन के जरिए बिहार में किसानों की आय दुगनी होगी. किसानों की उत्पादकता बढ़ेगी और लागत कम होंगे. इसके अलावा उन्हें बाजार मिल पाएगा.

वहीं किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सरोज रंजन पटेल ने कहा कि पार्टी के तमाम नेता और कार्यकर्ता किसानों के बीच जा रहे हैं. साथ ही उन्हें एफपीओ बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. पार्टी कार्यकर्ताओं को इसके लिए प्रशिक्षित भी किया जा रहा है.

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