पटना: भारतीय जनता पार्टी की बिहार इकाई केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर जनता के बीच जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी परियोजना किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को लेकर पार्टी के नेताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल समेत तमाम पार्टी के नेताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है. नेता किसानों के बीच जाकर किसानों को एफपीओ बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
दरअसल, कृषि यंत्र और अन्य सामग्री लगातार महंगे होते गए हैं. इस समस्या को देखते हुए पीएम मोदी ने किसान उत्पादक संगठन बनाने पर जोर दिया है. इसका मुख्य उद्देश्य ग्राम स्तर पर किसान समूहों को प्रेरित करना है. वहीं इस समूहों के माध्यम से उनके द्वारा अपनी और अपने समुदाय की आर्थिक और सामाजिक परिस्थिति को बेहतर बनाना है. इसके लिए कार्यकर्ताओं को भी आगे आने के लिए कहा गया है. गौरतलब है कि बिहार में 12 सौ से अधिक किसान उत्पादक संगठन बनाए जाने हैं.
एफपीओ का गठन
किसान उत्पादक संगठन के गठन के लिए सबसे पहले कृषक हित समूह (एफआईजी) का गठन करना होता है. शुरुआत में कम से कम 10 ग्रुप का गठन किया जाना अपेक्षित है. प्रत्येक ग्रुप में कम से कम 15 और ज्यादा से ज्यादा 20 किसान सदस्य होंगे. सभी ग्रुप अपना-अपना खाता खोलेंगे. ग्रुप में एक अध्यक्ष, एक सचिव और एक कोषाध्यक्ष होंगे. बाकी सभी सदस्य होंगे. ग्रुप के सदस्यों से 150 रुपया का शुल्क भी निर्धारित कर सकते हैं.
इसके बाद कंपनी एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. इसके लिए 5 से 10 एफआईजी का निर्माण किया जाना चाहिए. जिसमें किसानों की संख्या 300 से ऊपर हो. किसानों से 1000 रुपए का शेयर मनी बैंक में जमा करा लिया जाए, ताकि जमा राशि के आधार पर बैंक इक्विटी ग्रांट करेगी. इसमें अधिकतम 15 लाख इक्विटी ग्रांट हो सकती है. यह प्रक्रिया एक्टिव गठन के 3 माह के अंदर करना होता है.