नयी दिल्ली/पटनाः बिहार में बीजेपी नेताओं ने एनआरसी लागू करने की मांग उठाई है. इस पर किशनगंज से कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बड़ा बयान दिया है. सांसद ने कहा कि सीमांचल में मुस्लिमों की संख्या ज्यादा है. इस वजह से बीजेपी यह मांग जोरशोर से उठा रही है.
कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने कहा कि असम की तर्ज पर बिहार में एनआरसी लागू करने की मांग बीजेपी नेता कर रहे हैं. बीजेपी नेताओं का कहना है कि जो सीमांचल में बांग्लादेशी घुसपैठिए भारी संख्या में हैं, उनको हटाना जरूरी है. जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है. कांग्रेस सांसद के मुताबिक बिहार के सीमांचल में तो क्या पूरे देश में एनआरसी की जरूरत नहीं है. इस मुद्दे पर चर्चा की कोई आवश्यकता नहीं है. असम में लागू एनआरसी को पूरा देश देख रहा है.
NRC मुद्दे पर ईटीवी भारत संवाददाता से बातचीत करते किशनगंज सांसद
घुसपैठियों को चिन्हित कर वापस भेजा जाए
हालांकि, बिहार में बीजेपी की तरफ से एनआरसी की मांग पर उन्होंने कहा कि अगर कोई बाहरी आया है तो उसे देखा जाए. कांग्रेस सांसद ने सवाल पूछते हुए कहा कि बाहरी लोगों के आने के पीछे जिम्मेदार कौन है? ऐसे में बाहरी लोगों को पहचान कर वापस देश भेजना चाहिए. वहीं, बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सीमांचल में मुस्लिम समुदाय के लोगों की संख्या काफी है. इस वजह से बीजेपी के नेता लगातार एनआरसी लागू करने की मांग कर रहे हैं.
किशनगंज सांसद मोहम्मद जावेद
जनहित मुद्दों से ध्यान भटका रही बीजेपी
मोहम्मद जावेद ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इस सरकार में बेरोजगारी, किसानों की बदहाली किसी से छुपी नहीं है. इन गंभीर सवालों से पीछा छुड़ाने के लिए बीजेपी अलग-अलग तरह के मुद्दे उठाते रहती है. इसके जरिए बीजेपी जनता का ध्यान अपनी नाकामियों से भटकाना चाहती है. देश आर्थिक मंदी की चपेट में है. लेकिन उस पर कोई कुछ बोलने वाला नहीं है.
पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा मंत्री विनोद कुमार
सीमांचल में 35-40 लाख बांग्लादेशी घुसपैठिए
गौरतलब है कि कटिहार से आने वाले मंत्री विनोद कुमार ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया है. उन्होंने कहा था कि राज्य में 35-40 लाख बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं. जिनकी संख्या अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार में सबसे ज्यादा है. उनके इस बयान का पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान में बिहार विधान परिषद के सदस्य प्रोफेसर संजय पासवान ने भी समर्थन किया था. हालांकि सहयोगी जेडीयू ने इसे नकार दिया.