पटना: राजधानी पटना में विपक्षी दलों की पहली बैठक 23 जून को हुई थी. अब शिमला में विपक्षी दलों की बैठक 10 से 12 जुलाई के बीच होगी. पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बाद मलिकार्जुन खरगे ने ऐलान किया था लेकिन उसी दौरान बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र शुरू हो रहा है. ऐसे में विपक्षी दलों की बैठक को लेकर संशय शुरू हो गया है. क्योंकि बैठक होगी तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को वहां 2 दिनों के लिए जाना होगा.
विपक्षी दलों की बैठक पर मंडराया खतरा: बीजेपी की ओर से मानसून सत्र के दौरान बैठक बुलाने पर निशाना साधा जा रहा है. बीजेपी के लोग यह भी कह रहे हैं कि नीतीश कुमार के लिए मानसून सत्र से ज्यादा इंपोर्टेंट विपक्षी दलों की परिवार वाद पार्टियों की बैठक है. बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 10 जुलाई से शुरू होकर 14 जुलाई तक चलेगा. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों की अगली महत्वपूर्ण बैठक शिमला में 10 से 12 जुलाई के बीच आयोजित करने का फैसला लिया गया है.
शुरू हो रहा विधानमंडल का मानसून सत्र: जब बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र शुरू होगा. तब दूसरी तरफ विपक्षी दलों की बैठक होगी. विपक्षी दलों की बैठक में अब तक नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं. बिहार विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने पर नेता होने के नाते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी जरूरी है. तो दूसरी तरफ पटना में विपक्षी दलों की बैठक जिस प्रकार से नीतीश कुमार ने आयोजित की है उससे जाहिर है कि आगे की बैठक में भी उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होनी है. क्योंकि शिमला की बैठक में सीट शेयरिंग और कई मुद्दों पर चर्चा होगी. जिसका ऐलान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे ने पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बाद प्रेस ब्रीफिंग के दौरान की थी. इसलिए शिमला की बैठक भी महत्वपूर्ण है.
शिमला में होनी है विपक्षी एकता की दूसरी बैठक: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के समय शिमला की बैठक बुलाने पर बीजेपी निशाना साध रही है. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह का कहना है कि नीतीश कुमार के लिए बिहार विधानसभा का मानसून सत्र बहुत मायने नहीं रखता है उनके लिए परिवार वाद पार्टियों का विपक्षी बैठक ज्यादा महत्वपूर्ण है.