पटना: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जब से राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की घोषणा की है, उसके बाद से ही बिहार समेत सभी राज्यों से यह मांग उठने लगी है. बिहार में पुरानी पेंशन योजना लागू (Old Pension scheme in Bihar) होनी चाहिए. इस मांग को लेकर राष्ट्रीय जनता दल ने कहा है कि वह सदन में सरकार से इस बात की मांग करेंगे कि बिहार के कर्मचारियों के लिए भी पुरानी पेंशन सरकार को लागू करनी चाहिए. इधर भाजपा ने कहा है कि इसमें बहुत ज्यादा बेचैनी की जरूरत नहीं है. सरकार समय आने पर सही निर्णय लेगी.
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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी घोषणा की है कि वे पुरानी पेंशन को लागू करेंगे. इधर बिहार में विपक्ष ने सरकार से पूछा है कि उन्हें किस बात का इंतजार है. यह कर्मचारियों के हित में है और लंबे समय से इसकी मांग हो रही है. इसलिए बिहार में भी इसे जल्द से जल्द लागू करना चाहिए. राष्ट्रीय जनता दल के एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने कहा रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों का एकमात्र सहारा पेंशन हैं. जब अन्य राज्य पुरानी पेंशन योजना को लागू कर रहे हैं तो बिहार में भी इसे लागू करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम इसकी मांग सदन में भी उठाएंगे. इस मामले में भाजपा एमएलसी नवल किशोर यादव ने कहा कि लोगों को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है. सरकार सही समय आने पर इस बारे में निर्णय लेगी.
आपको बता दें कि 1 जनवरी 2004 या इसके बाद नियुक्त हुए कार्यों के लिए सरकार ने नई पेंशन योजना लागू की थी. नई पेंशन सिस्टम में कर्मचारी को भी खुद ईपीएफ में पैसा कटवाना होता है. जबकि पुरानी पेंशन बहाल होने से वेतन का आधा पेंशन रिटायरमेंट के बाद मिलेगा. पुरानी पेंशन स्कीम में जीपीएफ की सुविधा थी और पेंशन के लिए वेतन से कटौती नहीं होती थी. रिटायरमेंट पर निश्चित पेंशन यानी अंतिम वेतन का 50% निश्चित तौर पर कर्मचारी को मिलता है और पूरा पेंशन सरकार देती है. रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी यानी अंतिम वेतन के अनुसार 16.5 माह का वेतन भी कर्मचारी को मिलता है.