पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष इन दिनों आमने-सामने हैं. दोनों एक दूसरे के खिलाफ जमकर बयानबाजी कर रहे हैं. अब नीतीश कुमार ने अपने एक बयान में कहा है कि सम्राट चौधरी के पिताजी को वही राजनीति में लाए थे, इसको लेकर सम्राट चौधरी ने भी बड़ा बयान दिया है और कहा है कि नीतीश कुमार उस समय में जन्म भी नहीं लिए होंगे, जिस समय मेरे पिताजी देश की सेवा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कुछ से कुछ बोल रहें हैं. 'मैं एक सप्ताह के अंदर नीतीश कुमार को लेकर एक कैलेंडर जारी करूगां, जिसमें ये बताया जाएगा नीतीश ने अब तक कितनी पार्टियां बदली.
Bihar Politics: 'मेरे पिताजी जब देश की सेवा कर रहे थे, तब नीतीश का जन्म भी नहीं हुआ था'- सम्राट चौधरी
सम्राट चौधरी जब से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बने हैं, तब से वो सीएम नीतीश कुमार को लेकर काफी मुखर हो गए हैं. वो लगातार सीएम पर निशाना साध रहे हैं. एक बार फिर उन्होंने नीतीश के एक बयान पर जोरदार हमला बोला है और कहा है कि नीतीश कुमार कुछ से कुछ बोल रहे हैं.
"नीतीश कुमार ने कर्पुरी ठाकुर से लेकर लालू यादव और जॉर्ज फर्नांडिस के साथ क्या किया. कब-कब वो पलटी मारे क्या-क्या राजनीति करके वो बिहार के मुख्यमंत्री बने ये सब बात लोगों को बताना जरूरी है. नीतीश कुमार बौखला गए हैं. बिहार में शराबबंदी है और शराबमाफिया किसे पैसा पहुंचा रहे हैं, इस बात को भी जनता को बताएंगे. सब बात जनता जानती है और सब प्रचारित करना है जनता को बताना है"-सम्राट चौधरी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष
'जनता जानती है कि वो कैसे नेता हैं' :विपक्षी एकता पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ये देश के विपक्ष को एकजुट क्या करेंगे वो नाश्ता पानी करने जाते हैं. उनसे कुछ नहीं होने वाला है. जनता जानती है कि वो कैसे नेता हैं, जब उनसे पूछा गया कि कर्नाटक के बजरंग दल पर बैन लगाने की बात कांग्रेस कर रही है. बिहार में भी चर्चा हो रही है, तो उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार को हिम्मत है तो बिहार के बजरंग दल को वो प्रतिबंध लगाकर दिखा दें.
क्या था नीतीश कुमार का बयानःदरअसल नीतीश कुमार ने सम्राट चौधरी का नाम लिए बिना एक बयान में कहा है कि उनके पिता को राजनीति में कौन लाया था? कुछ से कुछ बयान दिया जा रहा है. इसी बयान पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने जवाब देते हुए कहा कि जब उनके पिता 1962 में देश के लिए लड़ रहे थे तो नीतीश कुमार का जन्म भी नहीं हुआ होगा. आपको बता दें कि शकुनी चौधरी 15 तक साल तक देश की आर्मी में रहे, बाद में 1985 में निर्दलीय नेता के तौर पर एमएलए का चुनाव जीत कर राजनीति में कदम रखा. उसके बाद वो 1995 में समता पार्टी के फाउंडर मेंबर बने और फिर कई अन्य पार्टियों के साथ भी जुड़े.