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शराबबंदी पर कांग्रेस को BJP का जवाब, 'आपने लोगों को जो दर्द दिया, उसकी दवा दे रही नीतीश सरकार'

बिहार में शराबबंदी को लेकर राजनीति तेज हो गई है. कांग्रेस ने इस कानून की समीक्षा के लिए सीएम नीतीश कुमार को खत लिखा है. उसके बाद एनडीए विपक्ष पर हमलावर हो गया है. बीजेपी प्रवक्ता संजय मयूख ने कहा कि शराबबंदी की समीक्षा करने का ख्याल रखने वालों को जनता ने सबक सिखा दिया है. इस कानून में फेरबदल का सवाल ही नहीं है.

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Published : Dec 16, 2020, 6:14 PM IST

पटना
पटना

पटनाःकांग्रेस की ओर से शराबबंदी की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखे जाने पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय मयूख ने विपक्ष पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी की समीक्षा करने का ख्याल रखने वालों को जनता ने सबक सिखा दिया है. इस कानून पर किसी प्रकार के विचार-विमर्श की जरूरत नहीं है.

'खत से खता कम नहीं होगी. विपक्ष की ओर से 70 साल में दिए दर्द का नीतीश सरकारदवा दे रही है. शराबबंदी की समीक्षा करने का ख्याल रखने वालों को जनता ने सबक सिखा दिया है. इस कानून में फेरबदल की कोई गुंजाइश ही नहीं है.' - संजय मयूख, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी

संजय मयूख ने कहा कि खत लिखने से कांग्रेस की खता कम नहीं होने वाली है. 70 वर्षों तक इन्होंने आरजेडी के साथ मिलकर जो अपराध किया है, लगातार उसका खुलासा हो रहा है. कांग्रेस जिनके दवाब में आकर शराबबंदी की समीक्षा की बात कर रही है, वे लोग जेल के अंदर होंगे. उन्होंने कहा कि आरजेडी और कांग्रेस के लोग शराब माफियाओं को संरक्षण देने वालों में से है, लेकिन जनता ने चुनाव में अपना फैसला सुना कर इन्हें सत्ता से दूर कर दिया है. विपक्ष ने 70 सालों में जनता को जो दर्द दिया है, नीतीश सरकार उसका दवा दे रही है.

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'शराबबंदी से महिलाएं हुईं सशक्त'
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि शराबबंदी के कारण ही महिलाओं ने एनडीए का समर्थन किया है. यही कारण है कि बीजेपी से एक महिला को उपमुख्यमंत्री भी बनाया गया है. चुनाव के दौरान कांग्रेस ने शराबबंदी कानून में समीक्षा की बात कही थी, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले भी कह चुके हैं कि शराबबंदी की समीक्षा का कोई सवाल ही नहीं है. महिलाओं के कहने पर ही बिहार में शराबबंदी की गई थी और शराबबंदी से किसी प्रकार के राजस्व की हानि भी नहीं हो रही है. बल्कि इससे समाज में कई तरह के बदलाव आए हैं और खासकर ग्रामीण इलाकों में स्थिति काफी बदली है. स्वास्थ्य और अपराध के साथ महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में रिजल्ट सकारात्मक दिख रहा है.

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