पटना:कोरोना वायरस को लेकर सरकार चिंतित है. बिहार सरकार ने इसके रोकथाम के लिए ऐतिहात के तौर पर कई कदम उठाए हैं. स्कूल-कॉलेज सिनेमा हॉल और मॉल को बंद करने के आदेश दिए गए हैं. सरकार के फैसले पर विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने सवाल उठाए हैं
कोरोना वायरस को लेकर सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देश के खिलाफ BJP प्रवक्ता ने खोला मोर्चा - राज्य सरकार ने जारी किया कोरोना वायरस को लेकर दिशा निर्देश
कोरोना वायरस को लेकर सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देश पर बीजेपी नेता और विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि जब स्कूल, कॉलेज, मॉल और सिनेमा हॉल बंद कर दिए गए हैं, तो शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को कार्यस्थल पर रहने को क्यों कहा गया है? शिक्षा विभाग और उनके अधिकारियों का शिक्षकों से इतनी चिढ़ अच्छी बात नहीं है.
सरकार को शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों से बैर क्यों
कोरोना वायरस को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन की ओर से पत्र जारी किया गया. जिसमें कहा गया है कि राज्य के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के साथ शिक्षण संस्थानों को 31 मार्च 2020 तक बंद रहेंगे. लेकिन शिक्षक और शिक्षकेतरकर्मी अपने संस्थान में कार्य पर उपस्थित रहेंगे. जिसको लेकर बीजेपी नेता और विधान पार्षद नवल किशोर ने नाराजगी जाहिर की. सरकार के इस फैसले के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट किया.
सरकार के फैसले पर भाजपा प्रवक्ता ने उठाए सवाल
बीजेपी प्रवक्ता और विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने सरकार के फैसले पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि जब स्कूल, कॉलेज, मॉल और सिनेमा हॉल बंद कर दिए गए हैं, तो शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को कार्यस्थल पर रहने को क्यों कहा गया है? क्या शिक्षा विभाग और उनके अधिकारियों ने कोरोना वायरस से बात कर लिया है कि वो शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों के शरीर के अंदर प्रवेश नहीं करेंगे. नवल किशोर यादव ने कहा कि जब बच्चे स्कूल और कॉलेज नहीं आएंगे. तो शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी वहां जाकर क्या करेंगे. शिक्षा विभाग और उनके अधिकारियों का शिक्षकों से इतनी चिढ़ अच्छी बात नहीं है.