अशोक चौधरी, भवन निर्माण मंत्री. पटना:भारतीय जनता पार्टी के विधानसभा मार्च के दौरान पुलिस के लाठीचार्ज में कथित रूप से एक कार्यकर्ता की मौत हो गयी थी. भाजपा ने इस घटना का जमकर विरोध किया था. अब भाजपा इसी घटना के विरोध में 24 जुलाई से 9 अगस्त तक हस्ताक्षर अभियान चलाने वाली है. भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि लाठीचार्ज को लेकर बीजेपी दोहरी नीति अपना रही है.
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"बीजेपी की ओर से परसेप्शन बनाने की कोशिश हो रही है कि लाठीचार्ज में उनके कार्यकर्ता की मौत हो गई, जबकि बीजेपी के कार्यकर्ता छज्जू बाग में गिरे हुए मिले थे. प्रत्यक्षदर्शियों के साथ गवाह ने बयान दिया है सीसीटीवी में सब कुछ दर्ज है. यही तो कहा जाता है कि भारतीय जनता पार्टी के लोग कैसे चीजों को घुमाते हैं."- अशोक चौधरी, भवन निर्माण मंत्री
जेएनयू और किसान आंदोलन में हुए थे लाठीचार्जः अशोक चौधरी ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज है. प्रत्यक्षदर्शियों का बयान है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट है. उसके बाद भी भारतीय जनता पार्टी के लोगों से पूछना चाहते हैं कि दोहरी नीति क्यों अपना रही है. जब जेएनयू में छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ तो उस समय जांच समिति क्यों नहीं बैठी, किसानों पर जब लाठीचार्ज हुआ तो उस समय जांच समिति क्यों नहीं बैठी.
मंत्री ने बताया, क्या है दोहरी नीतिः अशोक चौधरी ने कहा कि मणिपुर में इतनी बड़ी घटना हो गई वहां भारतीय जनता पार्टी की जांच समिति क्यों नहीं गई. सिर्फ बिहार में ही क्यों जांच समिति भेजी गयी. जब मिर्च के पाउडर फेंक रहे थे, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल प्रतिबंधित क्षेत्र में जबरदस्ती घुसने की कोशिश कर रहे थे, तो सुरक्षा में लगे अधिकारी कार्रवाई करेंगे ही. जब बीजेपी की सरकार में लाठी चार्ज होता है तो सब सही है और दूसरी पार्टी की सरकार में जब लाठीचार्ज होता है तो जांच समिति बैठा देती है. इनकी दोहरी नीति साफ दिख रही है.
भाजपा ने निकाला था विधानसभा मार्च : भाजपा ने गुरुवार 13 जुलाई को गांधी मैदान से विधानसभा मार्च निकाला था. डाक बंगला चौराहे पर भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हुई. पुलिस ने बल प्रयोग किया. वाटर कैनन से पानी की बौछारें की. उसके बाद आंसू गैस के गोले भी छोड़े. भाजपा कार्यकर्ताओं को पीटा गया. कहा जाता है कि पुलिस की पिटाई से भाजपा कार्यकर्ता विजय कुमार सिंह की मौत हो गयी थी.