पटना:काफी लंबे समय से ही बिहार में नेता प्रतिपक्ष का इंतजार हो रहा था. लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से कभी कभार दिखने वाले तेजस्वी जब अचानक पटना पहुंचे तो नेताओं की बयानबाजी फिर एकबार तेज हो गई. नेताओं ने तंज कसना शुरू कर दिया है.
तेजस्वी यादव आते ही पटना स्टेशन के पास धरने पर बैठ गए. जहां अतिक्रमण के नाम पर प्रशासन ने दूध मंडी पर बुलडोजर चलवाया था. ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि चमकी बुखार, बाढ़, सुखाड़ पर तेजस्वी ने कुछ नहीं बोला तो इस मौके पर पहुंचने वाले तेजस्वी यादव के दिमाग में आखिर क्या चल रहा है?
पटना से अमित वर्मा की रिपोर्ट बीजेपी ने लगाया जातिवाद का आरोप
बीजेपी ने सीधे-सीधे तेजस्वी यादव पर सवाल खड़े किए हैं. बीजेपी नेता अजीत कुमार चौधरी ने कहा है कि तेजस्वी एकबार फिर जातिगत राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं. बीजेपी नेता ने कहा कि शहर के लिए अच्छा सोचने की बजाय वह अपने वोट बैंक को साधने में लगे हुए हैं.
अजीत कुमार चौधरी, बीजेपी नेता आरजेडी ने किया पलटवार
बीजेपी के इस बयान पर आरजेडी ने कड़ा पलटवार किया है. आरजेडी नेता चितरंजन गगन ने कहा है कि जो पार्टी खुद ही धर्म और जाति के नाम पर राजनीति करती है, बीजेपी किस मुंह से नेता प्रतिपक्ष पर यह आरोप लगा रही है.
लालू यादव ने बसाई थी मंडी
बता दें कि दूध कारोबारियों को पटना स्टेशन के पास करीब तीन दशक पहले लालू यादव ने ही जगह दी थी. इस दौरान धीरे-धीरे वहां के एक बड़े हिस्से पर दूध व्यापारियों ने कब्जा कर लिया. उसके बाद वहां दूध की मंडी बस गई. जब प्रशासन इसे हटाने पहुंचा तो जमकर बवाल हुआ. शाम करीब सात बजे तेजस्वी यादव भी वहां पहुंच गए. वे दूध कारोबारियों के समर्थन में पटना जंक्शन के ठीक सामने बीच सड़क पर धरना पर बैठ गए.
धरना पर बैठे तेजस्वी यादव हालांकि, आरजेडी चाहे जो कहे, लेकिन सवाल तो उठेंगे क्योंकि तेजस्वी यादव ना सिर्फ अपनी पार्टी के महत्वपूर्ण नेता हैं, बल्कि बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं. इस साल बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र सबसे लंबा चला. इस दौरान भी तेजस्वी यादव 2 दिन ही सदन में आए. अब पटना की जिस दूध मंडी को बचाने के लिए तेजस्वी यादव पहुंचे थे, उसे लालू यादव ने ही बसाया था. ऐसे में जाति की राजनीति के बीजेपी के इस आरोप पर तेजस्वी यादव क्या जवाब देते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा.