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थ्री फैक्टर ने कुढ़नी में बढ़ा दी है भाजपा की टेंशन, निपटने के लिए BJP ने तैयार किया एक्शन प्लान

मुजफ्फरपुर के कुढ़नी विधानसभा (Kurhani assembly by election) सीट पर उपचुनाव हो रहा है. भाजपा और महागठबंधन के बीच जोर आजमाइश का दौर जारी है. कुढ़नी को दोनों गठबंधन ने प्रतिष्ठा का विषय बना लिया है. महागठबंधन के दांव से निपटने के लिए भाजपा ने तमाम सूरमाओं को मैदान में उतार दिया है. पार्टी की नजर अति पिछड़ा वोट बैंक पर है.

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Published : Dec 1, 2022, 9:21 PM IST

पटनाः नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के मैदान में आने के बाद कुढ़नी का उपचुनाव दिलचस्प हो गया है. तेजस्वी यादव ने ललन सिंह के साथ चुनाव प्रचार किया (Campaigning intensifies for Kurhani seat) और अब नीतीश कुमार भी चुनाव प्रचार के लिए जाने वाले हैं. इधर मुकेश साहनी भाजपा को हराने का दम्भ भर रहे हैं. थ्री फैक्टर ने भाजपा के सिर्फ नेतृत्व को टेंशन में डाल दिया है. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कुढ़नी के उपचुनाव को देश का चुनाव करार देकर राजनीतिक दलों की बेचैनी बढ़ा दी है तो मुकेश सहनी भूमिहार जाति का उम्मीदवार नीलाभ को टिकट देकर भाजपा को हराने का स्वप्न देख रहे हैं. नगर निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद भाजपा नई रणनीति के साथ चुनाव के मैदान में जाने की तैयारी कर रही है.

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कुढ़नी उपचुनाव के लिए भाजपा की तैयारी.


अति पिछड़ा कार्ड खेलने की तैयारीः भाजपा उपचुनाव में अति पिछड़ा कार्ड खेलने की तैयारी कर चुकी है सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा हमलावर है और पार्टी का मानना है कि अति पिछड़ों के हक मारी करने के लिए सरकार नगर निकाय चुनाव को लटका रही है. पार्टी अभी मुद्दा उठा रही है कि नीतीश कुमार ने एक अति पिछड़ा को टिकट से वंचित किया है लेकिन भाजपा ने अति पिछड़ा समुदाय से आने वाले नेता को मैदान में उतारा है. भारतीय जनता पार्टी ने बिहार प्रदेश के तमाम पिछड़ा और अति पिछड़ा नेताओं को कुढ़नी के मैदान-ए-जंग में उतार दिया है.

अपनी जाति के वोटरों को लुभा रहे हैंः राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने भी कमान संभाल ली है. सुशील मोदी चुनाव प्रचार के लिए मतदाताओं के बीच जा रहे हैं तो सम्राट चौधरी, अजय निषाद, संजीव चौरसिया, प्रमोद चंद्रवंशी के अलावा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल कुढ़नी में कैंप कर रहे हैं. आपको बता दें कि कुढ़नी में 300000 वोटरों की संख्या है जिसमें सबसे ज्यादा 60000 के आसपास भूमिहार जाति के वोटर हैं. भूमिहार जाति के वोटरों को लुभाने के लिए भी भाजपा के तमाम नेता कुढ़नी में कैंप कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा, विधान पार्षद देवेश कुमार, पूर्व विधायक मनोज शर्मा और अनिल शर्मा अपनी जाति के वोटरों को लुभाने में जुटे हैं.

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नेताओं के दावेः राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा है कि कुढ़नी में हम अति पिछड़ा कार्ड खेलेंगे. किस तरीके से नीतीश कुमार अति पिछड़ों को हाशिए पर ला रहे हैं उसे हम बेनकाब करने की कोशिश करेंगे. भाजपा प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा है कि कुढ़नी उपचुनाव हम हर हाल में जीतने जा रहे हैं. जदयू प्रत्याशी के खिलाफ वहां काफी नाराजगी है. विधायक रहते हुए उन्होंने वहां काम नहीं किया है. वहां नीतीश जाएं चाहे तेजस्वी इससे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है. बीजेपी के प्रत्याशी की वहां जीत होगी. राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा है कि उपचुनाव हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है. कुढ़नी एक ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां सभी जाति के वोटर हैं. हम जिस ए टू जेड की बात करते हैं वहां वही समीकरण है और वह पूरी तरह महागठबंधन के पक्ष में है. उपचुनाव जीतकर हम देश में सकारात्मक संदेश देंगे.

'कुढ़नी में हम अति पिछड़ा कार्ड खेलेंगे. किस तरीके से नीतीश कुमार अति पिछड़ों को हाशिए पर ला रहे हैं उसे हम बेनकाब करने की कोशिश करेंगे. नगर निकाय चुनाव में जिस तरीके से अति पिछड़ों के साथ नीतीश कुमार छल करने की कोशिश कर रहे हैं उसे भी जनता के बीच ले जाएंगे'-सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद

'उपचुनाव हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है. कुढ़नी एक ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां सभी जाति के वोटर हैं. हम जिस ए टू जेड की बात करते हैं वहां वही समीकरण है और वह पूरी तरह महागठबंधन के पक्ष में है. उपचुनाव जीतकर हम देश में सकारात्मक संदेश देंगे'-शक्ति यादव, राजद प्रवक्ता


दोनों दलों के लिए महत्वपूर्ण: राजनीतिक विश्लेषक कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि उपचुनाव दोनों ही दलों के लिए महत्वपूर्ण है. भाजपा अगर उपचुनाव जीत जाती है तो महागठबंधन के दावों की हवा निकल जाएगी और 2024 में महागठबंधन को अप्रासंगिक करार दिया जाएगा. अगर महागठबंधन चुनाव जीत जाती है तो वैसे स्थिति में राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन बनाने के दावों को बल मिलेगी. चुनाव के नतीजों का इंतजार करना होगा.

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