पटना: बिहार में राष्ट्रीय जनता दल MY समीकरण की राजनीति करती है. 14% यादव वोट बैंक पर लालू अपना कब्जा मानते हैं. लेकिन भाजपा भी 14% वोट बैंक पर अपना दवा मानती है. लोकसभा चुनाव 2024 के पहले भाजपा और राष्ट्रीय जनता दल में यदुवंशी वोट बैंक को लेकर जोर आजमाइश शुरू हो गई है. गोवर्धन पूजा के मौके पर भाजपा शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी कर रही है.
बीजेपी का मिशन 'यदुवंशी' समागम: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय 14 नवंबर को गोवर्धन पूजा के मौके पर का समागम करने जा रहे हैं. बापू सभागार में 10000 से ज्यादा यदुवंशियों को पार्टी की सदस्यता दिलाई जा रही है. तमाम वैसे नेता पार्टी में शामिल हो रहे हैं जो राजद से ताल्लुक रखते हैं. भाजपा कोटे के तमाम यादव समुदाय से आने वाले नेता कार्यक्रम को लेकर सक्रिय हैं. नित्यानंद राय कार्यक्रम को लीड कर रहे हैं, तो संयोजक की भूमिका में वरिष्ठ नेता नवल किशोर यादव हैं. इसके अलावा पूर्व मंत्री रामसूरत राय भी सक्रिय हैं. पोस्टर में नंदकिशोर यादव, रामकृपाल यादव, अशोक यादव सरीखे नेताओं को जगह दी गई है.
'कृष्ण और कंस की लड़ाई' : भाजपा नेताओं का दावा है कि बिहार में 10 लोकसभा सीट ऐसी हैं, जहां पर यादव निर्णायक भूमिका में है. तमाम सीटें भाजपा के पक्ष में जाती हैं. अररिया, कटिहार, किशनगंज, मधेपुरा ऐसी लोकसभा सीटें हैं जहां पर यादव वोटर निर्णायक होते हैं. बीजेपी इन लोकसभा क्षेत्र में मजबूत है. लालू प्रसाद यादव बिहार की राजनीति में एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं. यादव वोटर को गोल बंद करने में जुटे हैं. लालू प्रसाद यादव की रणनीति को ध्वस्त करने के लिए बीजेपी ने तमाम यदुवंशी नेताओं को मैदान में उतारा है. गोवर्धन पूजा के जरिए पूरे बिहार में मैसेज देने की तैयारी है.
गोवर्धन पूजा की मान्यता: आपको बता दें कि पौराणिक कथाओं के अनुसार गोवर्धन पूजा का इतिहास इस रूप में बताया गया है कि इंद्रदेव के घमंड के चलते पूरे गांव में तूफान और बारिश का प्रकोप आ गया था. श्री कृष्ण ने अपनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर बृजवासियों की रक्षा की थी. इसके बाद से हर साल गोवर्धन की पूजा की जाने लगी.