सांसद सुशील मोदी ने बिहार सरकार पर साधा निशाना पटना:सारण जहरीली शराबकांड (Saran Hooch Tragedy) को लेकर विपक्ष राज्य सरकार पर हमलावर है. खासकरबीजेपी राज्यसभा सांसद सुशील मोदी, सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर जमकर निशाना साध रहे हैं. उन्होंने बिहार में जहरीली शराब (Bihar Hooch Tragedy) से हो रहे मौतों के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया है. इसके साथ ही साफ-साफ कहा कि सूबे में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के कुछ खास हिमायती लोग हैं जो इस धंधे में शामिल हैं. उनके इशारे पर पूरे राज्य में शराब का कारोबार चल रहा है. इस कारोबार में पुलिस भी शामिल है. आम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है.
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'छपरा जहरीली शराबकांड को लेकर SP पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती?. पुलिस संरक्षण में ये सब काम हुआ. स्थिति नियंत्रण से बाहर है. छोटे-मोटे अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया. पुलिस अधीक्षक को क्यों नहीं बर्खास्त किया?. डीएसपी को क्यों नहीं सस्पेंड किया गया?. ये जहरीली शराब पीने से मौत का पहला मामला नहीं है. शराब कारोबारी की हिम्मत नहीं है कि बिना पुलिस संरक्षण का कोई माफिया शराब बेच ले.'- सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद
'तेजस्वी यादव के लोग शराब के धंधे में लगे हैं' :सुशील मोदी ने बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएम नीतीश कुमार जल्द से जल्द इस्तीफा दे दीजिए और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बना दीजिए. क्योंकि तेजस्वी यादव के लोग ही शराब के कारोबार में लगे हैं. उनकेलोग ही शराब के धंधे में लगे हैं. अगर तेजस्वी CM बनेंगे तो उनके लोग इस काम को छोड़ देंगे. इसके साथ ही जहरीली शराब बेचने वाले शराब बेचना छोड़ देंगे और शराब लोग खरीदकर नहीं पी पाएंगे.
पीड़ितों को मुआवजा दे सरकार :उन्होंनेकहा कि सारण में जहरीली शराब पीन से हुई मौतों के लिए सरकार जिम्मेदार है. पीड़ित परिवार को सरकार मुआवजा दे. जब गोपालगंज के खजूरबन्नी मामले में मुआवजा मिल सकता है तो छपरा जहरीली शराब कांड में क्यों नहीं?. सुशील मोदी ने बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार के सहयोगी उनपर दवाब बनाएं. दवाब में नीतीश कुमार मुआवजा दे सकते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुआवजा मिला तो हम उन्हें ही क्रेडिट देंगे. पूर्व मख्यमंत्री जीतन राम मांझी और वाम दल खामोश क्यों है?. शराबबंदी का निर्णया नीतीश कुमार का व्यक्तिगत निर्णय था. निर्णय लेने के बाद सब लोगों से सहमति ली गई. शराबबंदी का गुजरात मॉडल हो या बिहार मॉडल उसकी समीक्षा हो. नीतीश कुमार ने समीक्षा करके ही 6 साल में कानून में कई संशोधन किए.
सारण में जहरीरी शराब पीने से कई लोगों की मौत :बता दें किबीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने आज बीजेपी प्रदेश कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये बातें कही. उव्होंने नीतीश सरकार पर जहरीली शराब (Bihar Hooch Tragedy) को लेकर संवेदनहीन होने का आरोप लगाया और साफ-साफ कहा कि गोपालगंज के खजूरबन्नी में जब जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई थी. उस समय नीतीश कुमार ने उन्हें मुआवजा दिया था. अब जब छपरा में मौत का आंकड़ा 100 के करीब पहुंच गया है. तब नीतीश कुमार मुआवजा देने की बात से मुकर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो नियम बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून के अंदर बनाया है. उसमें साफ लिखा हुआ है कि जहरीली शराब से अगर मौत होती है तो मृतक के परिजन को मुआवजा दिया जाएगा.
सुशील मोदी ने नीतीश पर साधा निशाना:प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार शराब बंदी कानून के समय बनाए गए नियम की अनदेखी कर रहे हैं. उन्होंने साफ-साफ कहा कि मुख्यमंत्री को अगर शराब पीकर मर गए लोगों पर सहानुभूति नहीं है तो कम से कम गरीब परिजनों पर तो सहानुभूति रखनी चाहिए. इससे स्पष्ट है कि दलित, पिछड़े समाज के लोगों को मुख्यमंत्री कहीं न कहीं नफरत की नजर से देखते हैं. यही कारण है कि जहरीली शराब से जिन गरीबों की मौत हुई है, उसको लेकर तरह-तरह की बात मुख्यमंत्री कर रहे हैं जो कि कहीं से भी उचित नहीं है.
जहरीली शराब पीने से मचा मौत का तांडवः गौरतलब है कि सारण में जहरीली शराब पीने से मौत का तांडव मचा हुआ है. यहां हर रोज जहरीली शराब से सेवन करने वाले लोगों की मौतों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. अबतक 75 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं शराब से मौत मामले को लेकर सूबे की सियासत भी गरमायी हुई है. विधानसभा में इस मामले को लेकर जमकर हंगामा मचा. इस मामले में एसपी ने 72 घंटे के अंदर 213 लोगों के पकड़े जाने की बात कही है. इनमें से कई लोगों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस आरोपी गुड्डू पांडे और अनिल सिंह को भी गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है.
67 लोगों की मौत की पुष्टि :आशंका जताई जा रही है मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है, क्योंकि कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. बीमार लोगों का इलाज छपरा सदर अस्पताल, पीएमसीएच और एनएमसीएच में चल रहा है. जहरीली शराब पीने से अब तक 25 लोगों की आखों की रोशनी भी चली गई है. अधिकारिक तौर पर अब तक 67 मौतों की पुष्टि की गई है. वहीं, इस मामले में थानेदार और चौकीदार पर गाज गिरी है. एसपी संतोष कुमार (SP Santosh Kumar) ने दोनों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. SDPO का ट्रांसफर किया गया है. मढ़ौरा डीएसपी पर भी तबादले की तलवार लटकी है.