पटना:ब्राह्मणों पर जीतनराम मांझी के आपत्तिजनक बयान(Jitan Ram Manjhi Objectionable Statement on Brahmins) के बाद बिहार की सियासत में जबर्दस्त उबाल है. पक्ष और विपक्ष के लोग उन पर हमलावर है. इस बीच बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने मांझी के बयान की निंदा की (Sushil Modi Condemned Manjhi Statement) है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि संवैधानिक पदों पर रह चुके उनके जैसे वरिष्ठ व्यक्ति को अपने शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए.
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बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'ब्राह्मण समाज के लिए जीतन राम मांझी की कथित टिप्पणी अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. संवैधानिक पदों पर रह चुके उनके जैसे वरिष्ठ व्यक्ति को अपने शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए और ऐसा कुछ नहीं बोलना चाहिए, जिससे समाज का सद्भाव बिगड़े.'
वहीं अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'किसी समुदाय-विशेष का हितैषी होने के लिए दूसरों को आहत करना कोई लोकतांत्रिक आचरण नहीं है. अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकारों तक में मंत्री रहे स्वर्गीय राम विलास पासवान ने लंबे समय तक दलितों की सेवा की, लेकिन ऊंची जातियों के विरुद्ध उन्होंने कभी अपशब्द नहीं कहे.'