पटना:पूर्व उपमुख्यमंत्री औरबीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदीने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 78 विधायकों की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल की कृपा पर सीएम हैं. आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव जब चाहें, तब उन्हें हटाकर अपने बेटे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बना सकते हैं. उन्होंने दावा किया कि लालू और नीतीश के बीच डील भी यही हुई थी.
'दूसरों की कृपा पर सीएम बने नीतीश':राज्यसभा सांसद ने कहा कि नीतीश कुमार इस बार मकर संक्रांति पर लालू-राबड़ी आवास गए, लेकिन वहां केवल 7 मिनट रुके. लालू यादव ने उनसे दूरी बनायी और दही का टीका भी नहीं लगाया. दोनों दलों के बीच सब-कुछ ठीक नहीं है. डील की कील चुभने लगी है.
'तेजस्वी ही नीतीश के उत्तराधिकारी घोषित':सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जेडीयू कार्यकर्ताओं का मनोबल न टूटे, इसलिए उसके मंत्री और बड़े नेता नीतीश कुमार को 'बिहार का भविष्य' बता रहे हैं, जबकि स्वयं मुख्यमंत्री बिहार का भविष्य (उत्तराधिकारी) डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को बता चुके हैं.
"2020 में नीतीश कुमार 75 विधायकों वाली भाजपा की कृपा से मुख्यमंत्री बने थे, जबकि उनकी पार्टी के पास सिर्फ 44 विधायक थे. वे पहली बार 2001 में भी 67 विधायकों वाली भाजपा की कृपा से मुख्यमंत्री बने थे, उस समय उनकी पार्टी के 37 विधायक थे"- सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सांसद, भारतीय जनता पार्टी
राबड़ी आवास पर चूड़ा दही भोज:कई सालों के बाद 15 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर राबड़ी आवास पर चूड़ा दही भोज का आयोजन किया गया था. लालू यादव की ओर से आयोजित इस भोज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत जेडीयू, कांग्रेस और वाम दलों के कई बड़े नेता शामिल हुए थे. हालांकि 2015 की तरह इस बार आरजेडी चीफ ने सीएम को दही का टीका नहीं लगाया, जिस वजह से बीजेपी तंज कस रही है.
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