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बोले MP सतीश चंद्र दुबे- 'समान नागरिक संहिता पर कानून जरूरी, सदन में उठाएंगे मुद्दा' - जनसंख्या नियंत्रण बिल

बिहार से बीजेपी के राज्यसभा सांसद एवं वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र दुबे ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) और जनसंख्या नियंत्रण ( Population Control Bill) को लागू करने के लिए अब कानून लाना चाहिए. संसद में कानून पारित होना चाहिए. यह समय की मांग है. इस मुद्दे पर एनडीए के सहयोगी दलों एवं विपक्ष को भी समर्थन करना चाहिए.

बीजेपी से राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे से खास बातचीत
बीजेपी से राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे से खास बातचीत

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Published : Dec 3, 2021, 3:40 PM IST

Updated : Dec 3, 2021, 5:33 PM IST

नई दिल्ली: बीजेपी के राज्यसभा सांसद एवं वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र दुबे ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि देश में समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) का अर्थ है कि भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना चाहिए, फिर वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों ना हो.

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'समान नागरिक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण बिल देश के लिए बहुत जरूरी है. बड़े बड़े देश जिसका क्षेत्रफल भारत से पांच गुना है, फिर भी जनसंख्या वहां बिल्कुल कम है. आने वाले समय में इन दोनों मुद्दों को सदन के पटल पर रखा जाएगा'- सतीश चंद्र दुबे, बीजेपी सांसद, राज्यसभा

बीजेपी से राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे से खास बातचीत

संविधान के अनुच्छेद 44 का उद्देश्य कमजोर वर्ग से भेदभाव की समस्या को खत्म करके देश के विभिन्न सांस्कृतिक समूह के बीच तालमेल बढ़ाना है. सांसद सतीश चंद्र दुबे ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून भी बनना चाहिए. देश की आबादी तेजी से बढ़ रही है. संसाधन सीमित हैं. ऐसे में देश के भीतर भविष्य में बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है. वैसे भी बीजेपी के एजेंडे में धारा 370, भव्य राम मंदिर का निर्माण, समान नागरिक संहिता, जनसंख्या नियंत्रण कानून बहुत पहले से है. धारा 370 हट गया, भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. अब इन दोनों मुद्दों की बारी है.


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उन्होंने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में इन दोनों मुद्दों को राज्यसभा में उठाएंगे और इसे लागू कराने के लिए कानून लाने की मांग करेंगे. बता दें कि समान नागरिक संहिता का मतलब धर्म और वर्ग आदि से ऊपर उठकर पूरे देश में एक समान कानून लागू करने से होता है. इसको लागू करने से पूरे देश में शादी, तलाक, उत्तराधिकार और गोद लेने जैसे सामाजिक मुद्दे सभी एक कानून के अंतर्गत आ जाएंगे. इसमें धर्म के आधार पर कोई अलग कोर्ट या अलग व्यवस्था नहीं होगी.

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Last Updated : Dec 3, 2021, 5:33 PM IST

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