पटना/नई दिल्ली : सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि- 'वो मर जाएंगे लेकिन बीजेपी के साथ कभी नहीं जाएंगे.' इस बयान को लेकर कल से विपक्ष के निशाने पर नीतीश कुमार हैं. बीजेपी उनके पुराने बयानों का पुलिंदा लेकर बैठ गई. पहले विधान परिषद में नेता विपक्ष सम्राट चौधरी ने अटैक किया फिर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने सीएम नीतीश को आड़े हाथ लिया, लेकिन अब दिल्ली में पटना साहिब लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने सीएम नीतीश की नई नसीहत देते हुए उनपर तंज कसा है.
Ravi Shankar Prasad: 'नीतीश जी आपको मरने की जरूरत नहीं.. बस कुशासन से जनता को मारना बंद करिए'
भविष्य में नीतीश के बीजेपी के साथ सरकार बनाने के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो जवाब दिया उससे वो विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं. बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि- 'नीतीश जी को मरने की कोई जरूरत नहीं है...' पढ़ें- Bihar Politics
''अभी बिहार की जनता जो मर रही है उनके कुशासन से वो तो नीतीश जी बंद करें. बाकी बिहार की जनता तय कर चुकी है कि 2024 का लोकसभा चुनाव हो या 2025 का विधानसभा चुनाव हो भाजपा को निर्णायक विजय दिलाएगी. नीतीश बाबू आपको मरने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन बिहार की जनता को अपने कुशासन से मारना बंद करिए.''- रविशंकर प्रसाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद
'मरने की जरूरत नहीं नीतीश बाबू.. ' : रविशंकर प्रसाद ने निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश की मरने की कोई जरूरत नहीं है, बस वो बिहार की जनता को अपने कुशासन से मारना बंद कर दें. बिहार की जनता लोकसभा और विधानसभा में मन बना चुकी है कि किसे बीजेपी को निर्णायक विजय दिलाना है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जब तेजस्वी की महागठबंधन की सरकार से अलग हुए थे तब कहा करते थे कि मिट्टी में मिल जाऊंगा लेकिन उनके साथ नहीं जाऊंगा. लेकिन वो उसके बावजूद भी गए. उनके बयानों का कोई मायने नहीं है.
नीतीश ने कब कब खाई कसम : 2015 में जब एनडीए से गठबंधन तोड़कर नीतीश कुमार ने तेजस्वी के साथ महागठबंधन की सरकार बनाई थी तब भी वो इसी तरह की बयानबाजी करते थे. जब 2017 में बीजेपी के साथ सरकार में आए तब से लालू यादव के साथ सरकार में न जाने को लेकर शपथ ली थी कि मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन उनके साथ सरकार नहीं बनाएंगे. जैसे ही उन्होंने 2022 में फिर महागठबंधन का दामन पकड़कर सरकार चलानी शुरू की फिर साबित करने के लिए बीजेपी के लिए उन्होंने ये बयान दे दिया. नीतीश के बार-बार बदलते बयान पर लोग शक करने लगे हैं कि उन्होंने 2020 के चुनाव में अंतिम चुनाव लड़ने का संकेत दिया था तो अब उसे भी लोग उनकी सियासत का हिस्सा ही मानकर चल रहे हैं.