पटना:बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा और सीएम नीतीश के बीच तनातनी (CM Nitish vs Speaker Vijay Sinha issue) को लेकर बीजेपी और जेडीयू में तल्खी (Tension between BJP and JDU) बढ़ती जा रही है. बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय सिन्हा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच नोकझोंक के बाद बिहार का सियासी पारा चढ़ गया है. विपक्ष सरकार पर पूरी तरह हमलावर है और नीतीश कुमार से माफीनामे की मांग की जा रही है. इधर, बीजेपी विधायक भी अब विपक्ष के रुख के बाद हमलावर हो गए हैं. नीतीश कुमार के खिलाफ बीजेपी विधायकों ने भी मोर्चा खोल दिया है.
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सदन की गरिमा गिरी:बीजेपी विधायक विनय बिहारी ने कहा कि सदन में जिस तरीके से मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष के प्रति जो आचरण किया वह अफसोस जनक था. ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए थी आसन को अपमानित करना ठीक नहीं है. विनय बिहारी ने कहा कि राज्य में विधायकों की नहीं सुनी जाती है और नौकरशाह पूरी तरह हावी है. अपने गीत में विनय बिहारी में कहा कि 'पद पंक्षी क्षेत्र पिंजड़ा हो गइल, नीतीश राज में विधायक हि#@$% हो गईल'.
''जो संसदीय प्रणाली है, जो संसदीय व्यवस्था है, उसमें विधानसभा अध्यक्ष की एक अहम भूमिका होती है. जिस तरह से माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा बातें कही गई. मुझे नहीं लगता कि ऐसी कोई घटना पहले कभी घटित हुई होगी. अध्यक्ष के सदन में नहीं आने पर उन्होंने कहा कि वो नाराज हो सकते हैं, नाराजगी होनी भी चाहिए. किसी भी चीज की एक सीमा है ना. विधानसभा में आसन का महत्व कौन नहीं जानता है. इस प्रतिष्ठित पद का सम्मान होना चाहिए.''-विनय बिहारी, बीजेपी विधायक
क्या है पूरा मामला?:लखीसराय में विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के साथ दुर्व्यवहार (Misbehave with Speaker Vijay Sinha in Lakhisarai) मामले को लेकर विपक्षी दलों और बीजेपी के विधायक लगातार सदन में हंगामा कर रहे थे. ऐसे में सोमवार को सीएम ने सदन में कहा कि मामले में कार्रवाई की जा रही है. बार-बार इस तरह से इस मुद्दे को सदन में उठाना सही नहीं है. हम न किसी को फंसाते हैं और न किसी को बचाते हैं. विशेषाधिकार समिति जो रिपोर्ट पेश करेगी, हम उस पर जरूर विचार करेंगे और देखेंगे की कौन सा पक्ष सही है. इस दौरान सीएम और विधानसभा अध्यक्ष के बीच तीखी बहस हुई थी.
स्पीकर पर बिफरे नीतीश: सीएम ने इस दौरान सदन में कहा था कि सिस्टम संविधान से चलता है. किसी भी क्राइम की रिपोर्ट कोर्ट में जाता है. सदन में नहीं जाता है. कृपया करके ज्यादा मत करिए जो चीज जिस का अधिकार है, उसको करने दीजिए. किसी तरह का भ्रम है तो बातचीत की जाएगी. इस मामले को अकारण आगे बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है. आप संविधान देख लीजिए संविधान क्या कहता है.
नीतीश की नसीहत पर स्पीकर ने क्या कहा?: वहीं सीएम के भड़कने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा था कि कुर्की जब्ती नहीं हुई है. इसका जवाब नहीं दिया जा सका. आप ही बता दें कि सदन कैसे चलेगा, वैसे ही चलाएंगे. सदन में जब प्रश्न आया कि कुर्की जब्ती कब होगी, उसी में एक मामला जोड़ा गया जिसमें सारे विधायकों ने तीन बार हंगामा किया. हमने आग्रह किया कि विशेषाधिकार कमेटी में मामला चल रहा है, उसपर चर्चा नहीं होगी. मामला उठा कि आयोजनकर्ता व उद्घाटनकर्ता की आजतक अरेस्टिंग नहीं हुई है. इस मामले को सरकार ने क्यों गंभीरता से नहीं लिया? पुलिस द्वारा लखीसराय की घटना पर खानापूर्ति की जा रही है. जहां तक संविधान की बात है तो मुख्यमंत्री जी आप हमसे ज्यादा जानते हैं मैं आपसे सीखता हूं.
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