बीजेपी विधायक रामसूरत राय ने की शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग पटनाः बिहार की राजधानी पटना में एक बार फिर से रामचरितमानस विवाद (Ramcharitmanas controversy) को लेकर राजनीति गहरा गई. जिस तरह से शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर लगातार बयान पर बयान दिए जा रहे हैं इसको लेकर बीजेपी नेता भी पलटवार करने में लगे हुए हैं. अब बीजेपी के पूर्व मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि शिक्षा मंत्री हिंदू है ही नहीं. क्योंकि वह जिस समाज से आते हैं, उस समाज से बड़ा हिंदुत्व की बात करने वाला कोई है ही नहीं. इसके बावजूद वह रामायण को लेकर लगातार इस तरह का बयान दे रहे हैं.
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'चंद्रशेखर मानसिक रूप से विक्षिप्त': बीजेपी विधायक रामसूरत राय ने कहा कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पूरी तरह से अज्ञानी हैं या तो वह मानसिक रूप से विक्षिप्त हो रहे हैं. उनके गठबंधन के लोगों ने ही उनकी बीमारी के बारे में बताया है. यही कारण है कि रामचरितमानस को लेकर कुछ से कुछ बोलते चले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री कहते हैं कि इस पर डिबेट होनी चाहिए. सदन में खुला चैलेंच की बात पर रामसूरत राय ने कहा कि उनको दम है तो सदन के अंदर पटल पर बात रखें. वह सिर्फ तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं और इसलिए रामचरित मानस को कलंकित कर रहे है.
"शिक्षा मंत्री हिंदू है ही नहीं. क्योंकि वह जिस समाज से आते हैं, उस समाज से बड़ा हिंदुत्व की बात करने वाला कोई है ही नहीं. इसके बावजूद वह रामायण को लेकर लगातार इस तरह का बयान दे रहे हैं. चंद्रशेखर पूरी तरह से अज्ञानी हैं या तो वह मानसिक रूप से विक्षिप्त हो रहे हैं. उनके गठबंधन के लोगों ने ही उनकी बीमारी के बारे में बताया है. मुख्यमंत्री से मांग करेंगे कि ऐसी शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करें" -रामसूरत राय, पूर्व मंत्री, बीजेपी
रामचरित मानस का अपमान बर्दाश्त नहींः रामसूरत राय ने कहा कि वह जिस तरह से रामायण को लेकर बात करते हैं. उसे बिहार क्या पूरे देश के हिंदू बर्दाश्त नहीं करेंगे. शिक्षा मंत्री इस तरह का बयान दे रहे हैं और इस तरह के बयान पर अभी तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मुख्यमंत्री को ऐसे मंत्री पर अविलंब कार्रवाई करना चाहिए था. नीतीश कुमार है ऐसे मंत्री को बर्खास्त भी नहीं कर रहे हैं क्योंकि मुख्यमंत्री खुद चाहते हैं कि रामचरितमानस पर राजनीति हो और कहीं न कहीं उसका फायदा महागठबंधन को मिले. ऐसे लोगों से उम्मीद नहीं करें, जो कभी भी देश के सम्मान, संविधान का सम्मान और बुजुर्गों का सम्मान कभी नहीं किया है.
शिक्षामंत्री को बर्खास्त करने की मांगः पूर्व मंत्री ने कहा की महागठबंधन की सरकार जानबूझकर धर्म के नाम पर राजनीति करना चाहती है. यही कारण है कि रामचरितमानस को लेकर तरह-तरह के बयान दिए जा रहे हैं. यही बयान अगर अन्य धर्म से जुड़े हुए ग्रंथ पर दिया जाता तो आज बहुत कुछ हो जाता, लेकिन ऐसे शिक्षामंत्री पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री से मांग करेंगे कि ऐसे शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करें, जिनके बयान को लेकर पूरे देश में चर्चा है. जिनके बयान ने हिंदू समाज के लोगों को सामूहिक रूप से आहत किया है.