पटना: बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बन चुकी है. एनडीए को बहुमत हासिल है. लेकिन भाजपा के निशाने पर राजद विधायक हैं. नरकटिया विधायक के बाद बैकुंठपुर विधायक के खिलाफ पार्टी सख्त है और मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है.
बैकुंठपुर विधायक के खिलाफ मामला पहुंचा न्यायालय
बिहार विधानसभा में बीजेपी और मजबूत होना चाहती है, अगर दो विधायक पार्टी के बढ़ जाते हैं, तो ऐसी स्थिति में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी होगी और इस रणनीति पर पार्टी ने काम करना भी शुरू कर दिया है. नरकटिया विधायक शमीम अहमद के खिलाफ भाजपा ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है, तो बैकुंठपुर विधायक के खिलाफ मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है.
बैकुंठपुर के आरजेडी विधायक प्रेम शंकर राय के खिलाफ पूर्व विधायक और भाजपा नेता मिथिलेश तिवारी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि प्रेम शंकर राय ने अपने शपथ पत्र में अपराधिक रिकॉर्ड और परिवार के बारे में जानकारी छुपाया है, जो गंभीर मामला है. इससे पहले नरकटिया विधायक शमीम अहमद के खिलाफ भी शपथ पत्र से तथ्यों को छुपाए जाने का मामला प्रकाश में आया था, जिसे लेकर भाजपा नेता चुनाव आयोग पहुंचे थे.
क्या कहते हैं पूर्व सॉलिसिटर जनरल एसडी संजय
बीजेपी नेता और पूर्व सॉलिसिटर जनरल एसडी संजय ने कहा है कि बैकुंठपुर के विधायक प्रेम शंकर राय ने चुनाव के दौरान दिए गए शपथ पत्र में अपराधिक रिकॉर्ड छुपाए हैं. साथ ही अपने परिवार के बारे में भी उन्होंने जानकारी साझा नहीं किया है. बीजेपी नेता मिथिलेश तिवारी ने इस मामले को पटना उच्च न्यायालय के समक्ष रखा है और उन्होंने कहा कि हम कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं.
एसडी संजय, पूर्व सॉलिसिटर जनरल 'तेजस्वी यादव को सब्र रखना चाहिए'
आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा है कि भाजपा नेता अनर्गल आरोप लगा रहे हैं, उन्होंने कहा कि जिन मामलों का बीजेपी वाले जिक्र कर रहे हैं वह पुलिस ने फाइनल कर दिया है. विधायकों के खिलाफ कोई आरोप नहीं है. भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि तेजस्वी यादव को सब्र करना चाहिए. अगर उनके विधायकों ने गड़बड़ी नहीं की है तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. अगर हमारे पार्टी के विधायक के खिलाफ भी ऐसे मामले हैं तो उन्हें सामने लाना चाहिए.
'सबसे बड़ी पार्टी हो सकती है बीजेपी?'
बता दें कि बिहार विधानसभा में भाजपा के 74 और राजद के 76 विधायक हैं, अगर राजद के दो विधायक कम हो जाते हैं और भाजपा के दो बढ़ जाते हैं. तो वैसी स्थिति में बीजेपी के 76 विधायक हो जाएंगे और विधानसभा में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी हो सकती है.