पटना: महागठबंधन में छिड़े महासंग्राम पर विराम लगाने के लिए राष्ट्रीय जनता दल की ओर से कार्रवाई की गई है. पूर्व शिक्षा मंत्री और राजद विधायक सुधाकर सिंह के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. सुधाकर सिंह पर कार्रवाई को लेकर भाजपा ने राजद के मंसूबों पर सवाल खड़े किए हैं.
BJP On Sudhakar Singh: 'सवर्ण पर कार्रवाई और यादव को दवाई', BJP को रास नहीं आई सुधाकर सिंह पर कार्रवाई - bjp leader Ramsagar Singh
बिहार के पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह को नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी करना महंगा पड़ गया है. आरजेडी ने नोटिस भेजकर 15 दिनों में जवाब मांगा है. इस पर बीजेपी हमलावर है. रामसागर सिंह ने तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए पूछा है कि क्या सुधाकर सवर्ण हैं, इसलिए कार्रवाई की गई है और चंद्रशेखर, यादव हैं इसलिए उन्हें बचाया जा रहा है?
'तेजस्वी यादव की कथनी और करनी में अंतर': भाजपा प्रवक्ता डॉ रामसागर सिंह ने कहा है कि तेजस्वी यादव की कथनी और करनी में काफी फर्क है. तेजस्वी बात तो ए टू जेड की करते हैं लेकिन जब कार्रवाई की बात आती है तो भेदभाव साफ नजर आता है. राज्य में सौहार्द बिगाड़ने वाले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह को तेजस्वी यादव संरक्षण दे रहे हैं जबकि अगड़ी जाति से आने वाले नेता सुधाकर सिंह पर कार्रवाई की जा रही है.
"वाह तेजस्वी जी वाह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले, किसानों की आवाज बनने वाले सुधाकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई और सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाले चंद्रशेखर को दवाई, क्या है आपकी कार्रवाई.. आप तो ए टू जेड की बात करते थे तो क्या सुधाकर सिंह सवर्ण हैं इसलिए उनपर कार्रवाई की गई और चंद्रशखर यादव हैं इसलिए उनको बचाने के लिए दवाई. कहां गया ए टू जेड का फॉर्मूला? जनता को भ्रम में रखते हैं. आप ने साबित कर दिया कि ए टू जेड नहीं एमवाई में ही विश्वास करते हैं."- डॉ रामसागर सिंह,भाजपा प्रवक्ता
सुधाकर सिंह से मांगा गया जवाब:आरजेडी ने पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह को नोटिस भेजा (RJD Sent Notice to Former Minister Sudhakar Singh) है. महासचिव अब्दुलबारी सिद्दीकी ने नोटिस भेजकर कड़े शब्दों में कहा कि पूर्व मंत्री ने अपने बयान से न केवल गठबंधन धर्म की मर्यादा का उल्लंघन किया है, बल्कि उनके बयान से आरजेडी का एक बड़ा वर्ग आहत हुआ है. ऐसे में पार्टी क्यों नहीं उनको खिलाफ कार्रवाई करे? सुधाकर सिंह से पार्टी ने 15 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण की मांग की है नहीं तो कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात कही गई है.