पटनाः महिला आरक्षण बिल संसद में पास कर दिया गया है. इसके बाद भाजपा नेता इसे बड़ी कामयाबी बता रहे हैं. इसको लेकर बिहार सरकार के वित्त मंत्री ने कहा कि भाजपा अपनी पीठ थपथपा रही है, जबकि इसमें सभी राजनीतिक पार्टी का समर्थन है. हमारी मांग है कि केंद्र सरकार इस आरक्षण को लोकसभा चुनाव से पहले लागू करें, लेकिन ऐसा नहीं होगा. क्योंकि भाजपा ने इसमें कई पेंच लगा दी है.
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"महिला आरक्षण को लागू करने से पहले दो पेंच लगा दिया गया है. एक जनगणना और दूसरा परिसीमन का कार्य. इसकी प्रक्रिया इतनी लंबी होती है कि केंद्र सरकार किसी समय अपनी सुविधा अनुसार इसका समय टाल सकती है. जनगणना का समय 2021 था, लेकिन अभी 23 खत्म होने वाला है, समय तय नहीं है. अब वही जानें कि आरक्षण देने के लिए लाया गया है या महिलाओं के भावनाओं के साथ खेलने के लिए. भाजपा अपनी पीठ थपथपा रही है. लोकसभा चुनाव से पहले तत्काल लागू किया जाए."-विजय कुमार चौधरी, वित्त मंत्री, बिहार सरकार
भाजपा ने फंसाया पेंचः विजय चौधरी ने कहा कि महिला आरक्षण में पिछड़े, अतिपिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षण का अलग से प्रावधान हो. महिला आरक्षण का जेडीयू ने समर्थन किया है, लेकिन महिला आरक्षण में दो शर्त रखा गया जो संदेह पैदा करता है. जनगणना और परिसीमन के बाद ही महिला आरक्षण को लागू किया जाएगा.
पीठ थपथपा रही भाजपाः चौधरी ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण को लागू किया जाए. ऐसा नहीं होता है तो इससे साफ है कि भाजपा ने महिलाओं के भावना के साथ खेलने के लिए यह कानून लाया है. फिर भी इसकी सफलता पर भाजपा पीठ थपथपा रही है. जबकि इसमें देश के विभिन्न पार्टी का समर्थन है. चौधरी ने कहा कि जनगणना और परिमीमन की प्रक्रिया इतनी लंबी है कि यह कभी पूरा ही नहीं होगा.
आरक्षण लालू होने की उम्मीद नहींः वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि यह यूपीए और उससे पहले की सोच थी, लेकिन श्रेय लेने का बीजेपी की बीमारी है. महिला आरक्षण का समर्थन नीतीश कुमार ने भी किया है. चौधरी ने कहा कि जल्दी से इसे लागू कर दें. हमारी मांग है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इसे लागू किया जाए, लेकिन उम्मीद नहीं है कि ऐसा होगा.