पटना:बिहार में एनडीए सरकार में जदयू, बीजेपी, हम और वीआईपी चार दल शामिल हैं. 2020 विधानसभा चुनाव में जदयू तीसरे नंबर की पार्टी बनी थी, लेकिन उसके बावजूद बीजेपी ने एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री बनाया है. लेकिन, सरकार में रहते हुए भी बीजेपी के विधायक से लेकर मंत्री तक लगातार सरकार की परेशानी बढ़ा रहे हैं. बीजेपी के विधायक और मंत्री खुलकर बोलने लगे हैं कि अधिकारी सुनते नहीं हैं. झंझारपुर के विधायक नीतीश मिश्रा ने तो धरना देने की भी बात कह दी थी. विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने भी इस मामले में मोर्चा खोल दिया है. कार्रवाई नहीं होने पर चेतावनी भी दी है.
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बिहार एनडीए में कई मुद्दों पर जेडीयू और बीजेपी आमने सामने (JDU and BJP face to face) हैं. अब सूबे की पुलिस की कार्यशैली पर भी बीजेपी के नेताओं ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है. शीतकालीन सत्र में बीजेपी मंत्री जीवेश मिश्रा ने अधिकारियों के रवैए पर जमकर हंगामा किया था. इससे भी बढ़कर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (BJP State President Sanjay Jaiswal) लगातार अधिकारियों के रवैए पर अपनी नाराजगी जताते रहे हैं. सरकार के कामकाज पर भी सवाल उठाते रहे हैं. कुल मिलाकर देखें तो जो काम विपक्ष को करना चाहिए एनडीए सरकार में बीजेपी करती दिख रही है.
राजनीतिक विशेषज्ञ प्रोफेसर अजय झा का कहना है कि ''बीजेपी नेताओं के रवैए से साफ दिख रहा है कि तेजस्वी यादव की नीतीश कुमार को फिलहाल जरूरत नहीं है, क्योंकि विपक्ष का काम बीजेपी के नेता कर रहे हैं.''