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बिहार में पिछड़े वोट बैंक पर BJP की नजर, मिशन 2024 के लिए विनोद तावड़े पर लगाया दांव

बीजेपी पिछड़ा और अति पिछड़ा वोट बैंक के सहारे मिशन 2024 को फतेह करना चाहती है. लिहाजा पिछड़ा कार्ड खेलते हुए विनोद तावड़े (Bihar BJP In Charge Vinod Tawde) को बिहार का नया प्रभारी बनाया है. पढ़ें.

BJP Eye On Backward Vote Bank In Bihar
BJP Eye On Backward Vote Bank In Bihar

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Published : Sep 10, 2022, 8:22 PM IST

पटना: बिहार में गठबंधन का स्वरूप बदल गया है. महागठबंधन का कुनबा बढ़ चुका है और भाजपा के समक्ष चुनौती महागठबंधन को शिकस्त देने की है. मिशन 2024 को साधने के लिए भाजपा ने भूपेंद्र यादव की जगह विनोद तावड़े को प्रभारी ( Bihar BJP In Charge Vinod Tawde) बनाया है. बिहार में भाजपा की नजर पिछड़े वोट बैंक ( BJP Eye On Backward Vote Bank In Bihar) पर हैं.

पढ़ें- विनोद तावड़े बने बिहार के नये बीजेपी प्रभारी, मंगल पांडे को बंगाल का जिम्मा

विनोद तावड़े को मिली बिहार में मिशन 2024 की जिम्मेदारी:बिहार में एनडीए का कुनबा बिखर चुका है. नीतीश कुमार एनडीए छोड़ महागठबंधन में शामिल हो चुके हैं. बदली हुई परिस्थितियों में केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष मिशन 2024 बड़ी चुनौती है. बिहार प्रभारी के तौर पर भूपेंद्र यादव काम कर रहे थे लेकिन केंद्रीय मंत्री बनाए जाने के बाद से बिहार भाजपा को प्रभारी का इंतजार था. आखिरकार केंद्रीय नेतृत्व की ओर से फैसला लिया गया और महाराष्ट्र के कद्दावर नेता विनोद तावड़े को बिहार प्रभारी बनाया गया है.

OBC-EBC वोट बैंक पर बीजेपी की नजर:आपको बता दें कि बिहार की राजनीति पिछड़ा अति पिछड़ा वोट बैंक के इर्द-गिर्द घूमती है. पिछड़ा और अति पिछड़ा वोटों का प्रतिशत बिहार में लगभग 45 के आसपास है, 25% के आसपास अति पिछड़ा वोट बैंक है. ऐसे में राजनीतिक दलों के निशाने पर पिछड़ा अति पिछड़ा वोट बैंक रहता है. भाजपा ने पिछड़ी सियासत को धार देने के लिए बिहार प्रभारी के तौर पर विनोद तावड़े पर दांव लगाया है.

कौन हैं विनोद तावड़े?: विनोद तावड़े की पकड़ महाराष्ट्र की राजनीति में मजबूत मानी जाती है. विनोद तावड़े बाल संघ सेवक रह चुके हैं और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भाजपा की राजनीति में आए हैं. मुंबई महानगर भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. विनोद तावड़े बिहार से पहले हरियाणा की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं. भाजपा की ओर से महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री रह चुके हैं. उनके संगठन क्षमता को देखकर केंद्रीय नेतृत्व ने उनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी दी है.

बिहार बीजेपी प्रभारी की चुनौतियां:भाजपा इस कोशिश में है कि पिछड़ा अति पिछड़ा वोट बैंक में सेंधमारी की जाए. महागठबंधन से मुकाबले का फार्मूला भी यही है. अति पिछड़ा वोटों का ज्यादा हिस्सा नीतीश कुमार के साथ है और पार्टी अति पिछड़ा वोट बैंक को लेकर आशान्वित है. विनोद तावड़े के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है. उन्हें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के कुनबे को बढ़ाना है. बिहार भाजपा गुटबाजी का शिकार है और नेता कई गुटों में बैठे हैं. गुटबाजी को पाटना भी विनोद तावड़े के लिए बड़ी चुनौती होगी. इसके अलावा सीनियर लीडर और दूसरी पंक्ति के नेताओं में बेहतर सामंजस्य स्थापित करना भी विनोद तावड़े के लिए चुनौती होगी. विनोद तावड़े को एक साथ लालू और नीतीश से भी लड़ना होगा.

"विनोद तावड़े एक कुशल संगठनकर्ता हैं. बहुत सुलझे व्यक्ति हैं. महाराष्ट्र की सियासत में उनकी भूमिका अहम रही है. वह शिक्षा मंत्री के रूप में भी काम कर चुके हैं. बिहार के अंदर भी वह बेहतर काम करेंगे और 2024 में भाजपा बेहतर परफॉर्म करेगी."-प्रेम रंजन पटेल, बीजेपी प्रवक्ता

"भाजपा सबका साथ सबका विकास के दावे जरूर करती है लेकिन उनकी राजनीति जाति पर आधारित होती है. वह सत्ता हासिल करने के लिए कुछ भी कर सकते हैं."- परिमल कुमार,जदयू प्रवक्ता

"बिहार में पिछड़ी राजनीति साधने के लिए भाजपा ने विनोद तावड़े पर दांव लगाया है. विनोद तावड़े के समक्ष चुनौती बड़ी है. पार्टी के अंदर नेता कई खेमे में बंटे हुए हैं. गुटबाजी कम करना भी विनोद तावड़े के लिए चुनौती है."- डॉ संजय कुमार,राजनीतिक विश्लेषक

बिहार के वोट बैंक को साधने में जुटी पार्टी : बिहार में हिंदू आबादी में 50% के आसपास पिछड़ा और अति पिछड़ा की आबादी है. यादव 14%, कुशवाहा यानी कोइरी 6%, कुर्मी 4% है. इसके अलावा बनिया की आबादी भी अच्छी खासी है. साथ ही निषाद, बिंद, केवट, प्रजापति, कहार, कुम्हार,नोनिया सहित कई जातियों की आबादी भी अच्छी खासी है.

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