पटना: शिक्षा के क्षेत्र में बिहार काफी पिछड़ा है. खासकर सरकारी स्कूलों की सच्चाई किसी से छिपी नहीं है. भाजपा नेता और विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने विधान परिषद में यह सवाल उठाया था कि राजनेता और नौकरशाहों के बच्चे सरकारी स्कूल में क्यों नहीं पढ़ सकते.
विधान परिषद में सरकारी स्कूल में शिक्षा की मांग उठाते नवल किशोर यादव शिक्षा की ओर सरकार की पहल
विधान पार्षद ने अपील की थी कि सरकार को इस ओर पहल करनी चाहिए. हालांकि मंत्री के प्रस्ताव को उस दौरान खारिज कर दिया गया था. लेकिन, अब यह मांग जोर पकड़ने लगी है. विधान परिषद में विधायकों ने भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया.
सरकार को कदम उठाने की जरुरत
श्रम संसाधन मंत्री विजय सिन्हा ने भी मांग का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि हमने भी सरकारी स्कूलों से पढ़ाई की है. मौजूदा समय में कई लोग उसी सरकारी स्कूल में पढ़कर आईएएस और आईपीएस बने हैं. सरकारी स्कूलों में बेहतर माहौल हो इसके लिए सरकार को कदम उठाने की जरुरत है.
मंत्री के सवाल पर प्रतिक्रिया देते राजनेता 'कानून बनाकर लागू करें सरकार'
राजद विधायक शक्ति यादव ने भी इसका समर्थन करते हुए कहा कि मैं और मेरी पार्टी यह मानती है कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार जरूरी है. कानून बनाकर इसे लागू किया जाना चाहिए. यह तभी हो सकता है जब सभी आम और खास के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ें. उन्होंने कहा कि इतना तो तय है कि जब आईएएस-आईपीएस और राजनेताओं के बच्चे भी सरकारी स्कूलों में पढ़ने लगेंगे तब राज्य में शिक्षा का स्तर सुधर जाएगा.