पटना:नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) 2005 में बिहार के मुख्यमंत्रीमुखिया बने थे. जनता से सीधे जुड़ने के लिए 'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री' (Janata Darbar) नाम से कार्यक्रम शुरू किया था. इसमें लोग सीधे मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी पीड़ा सुना पाते थे. यह कार्यक्रम 2016 तक चला, फिर बंद कर दिया गया. 5 साल बाद फिर नीतीश कुमार ने जनता दरबार कार्यक्रम शुरू किया है.
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यह कार्यक्रम एक बार फिर चर्चित हो गया है. राष्ट्रीय स्तर पर इसे सुर्खियां मिली हैं. भाजपा का दावा है कि नीतीश को इसकी प्रेरणा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) से मिली थी. नीतीश का जनता दरबार भाजपा के सहयोग कार्यक्रम (Sahyog Karyakram) से प्रेरित है.
बता दें कि 1997-98 में केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी थी. उस समय पार्टी और सरकार में सामंजस्य स्थापित करने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी की प्रेरणा से भाजपा दफ्तर में सहयोग कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी. धीरे-धीरे कार्यक्रम को राज्यों तक ले जाया गया. नीतीश वाजपेयी सरकार में मंत्री थे. उस समय बीजेपी के सहयोग कार्यक्रम को खूब सराहा गया था. धीरे-धीरे दूसरे राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी कार्यक्रम को अपनाना शुरू किया.