मुजफ्फरपुर:बिहार केमुजफ्फरपुर के कुढ़नी विधानसभा में हो रहे उपचुनाव (Kurhani By Election) को लेकर सरगर्मी जोरों पर है. दोनों प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशियों ने अपना नामांकन प्रक्रिया पूरा कर लिया है. मंगलवार को बीजेपी प्रत्याशी केदार प्रसाद गुप्ता ने अपना नामांकन दाखिल किया. इस दौरान पार्टी के कई प्रमुख नेता मौजूद थे. बीजेपी प्रत्याशी केदार प्रसाद गुप्ता ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बिहार में एनडीए की लहर (Bihar By Election 2022) है.
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"एनडीए सरकार में हुआ विकास":उन्होंने आगे कहा जितना भी विकास का काम बिहार में हुआ है, वो एनडीए के सरकार में ही हुआ है. आगे भी विकास होता रहेगा. उन्होंने ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि लोग सिर्फ विकास का दिखावा करते हैं. जबकि एनडीए के विकास कार्य जमीन पर दिखता है. जनता को यह भली-भांति पता है. इसी आधार पर जनता इस बार अपना मत का दान करेगी. नामांकन के दौरान बीजेपी पार्टी के कई नेता मौजूद रहे.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का तीखा हमला:इधर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने महागठबंधन पर तीखा हमला किया है. उन्होंने कहा कि गोपालगंज उपचुनाव में एक शराब व्यवसायी को प्रत्याशी बनाया गया. अब कुढ़नी उपचुनाव में जिसे उम्मीदवार बनाया गया है, उसकी शानदार तस्वीरें वायरल हो रही है. इससे पता चलता है कि नीतीश जी ने शराबबंदी का यह कानून पुलिस को लाभांवित के लिए बनाया है. उनको किसी शराबी और शराब बेचने वाले चिढ़ नहीं है.
फिर आमने-सामने होंगे केदार-मनोज: बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति ने अपने पुराने कार्यकर्ता केदार गुप्ता के नाम पर मुहर लगाई. वे पहले भी भाजपा से विधायक रह चुके हैं. साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी के अनिल सहनी ने बीजेपी के केदार प्रसाद गुप्ता को बेहद कम अंतर से मात दी थी. साल 2015 के चुनाव में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने कब्जा किया था. केदार गुप्ता ने साल 2015 के चुनाव में जेडीयू के मनोज कुमार कुशवाहा को इस सीट से हराया था. इस बार इस सीट से जेडीयू ने मनोज कुशवाहा को एक बार फिर अपना उम्मीदवार बनाया है. जेडीयू को जहां आरजेडी-कांग्रेस, हम और वाम दलों का साथ मिल रहा है, वहीं बीजेपी को आरएलजेपी और एलजेपीआर का समर्थन मिल रहा है. मुकेश सहनी भी यहां अपना उम्मीदवार उतारेंगे.
दोनों दलों के दावों की लिटमस टेस्टःगोपालगंज सीट जीतने के बाद भी कुढ़नी विधानसभा सीट को लेकर भाजपा पर दबाव है. बोचाहां उपचुनाव में हार के बाद भाजपा फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. किसी भी सूरत में भाजपा कुढ़नी को जीतकर नीतीश फैक्टर को खारिज करना चाहेगी. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि उपचुनाव तो एक ही सीट पर है लेकिन अग्नि परीक्षा भाजपा और जदयू दोनों की है. गठबंधन का स्वरूप बदलने के बाद दोनों दलों के दावों की लिटमस टेस्ट होनी है. एक तरफ भाजपा यह साबित करने की कोशिश करेगी कि बिहार की राजनीति में नीतीश फैक्टर प्रासांगिक नहीं है तो दूसरी तरफ नीतीश कुमार चुनाव जीतकर यह साबित करने की कोशिश करेंगे कि भाजपा के साथ अलग होने का फैसला सही था.
क्यों हुई सीट खालीः दरअसल अनिल साहनी का टिकट घोटाले में नाम आया है जिसमें दोषी करार होने के बाद उनकी सदस्यता को रद्द कर दिया गया. वहीं पर पांच दिसंबर को अब चुनाव हो रहा है और 8 दिसंबर को नतीजे आएंगे. महागठबंधन की तरफ से कुढ़नी विधानसभा की सीट जदयू के खाते में गई है और जदयू ने यहां से पूर्व मंत्री और 10 साल तक विधायक रहे मनोज कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है.
क्या है जातिगत समीकरणःकुढ़नी में कुल मिलाकर 3 लाख 10 हजार 987 से ज्यादा मतदाता हैं. जातीय समीकरण की बात करें तो पहले नंबर पर लगभग 40 हजार मतदाताओं के साथ कुशवाहा जाति हैं. दूसरे नंबर पर वैश्य समाज के लोग आते हैं, जिनके मतदाताओं की संख्या तकरीबन 33 हजार के आसपास है. इसके अलावा 25 हजार मतदाताओं के साथ सहनी समाज तीसरे नंबर पर है. चौथे नम्बर पर करीब 23 हजार मतदाताओं के साथ यादव समाज के लोग हैं. इसके अलावा कुर्मी जाति के लोग भी अच्छी खासी संख्या में मौजूद हैं. वहीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की संख्या लगभग 19 प्रतिशत है. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी लगभग 22 हजार के आसपास है. अगड़ी जाति के करीब 45 हज़ार मतदाता हैं.
"शराब मामले में 3.5 लाख लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया. लेकिन गोपालगंज उपचुनाव में जो प्रत्याशी था. उसका शराब घोटले में नाम आया. उसके बाद भी आप उसको टिकट देते हैं. आज भी कुढ़नी में जिन माननीय को आपने टिकट दिया है. उनके बारे में पूरे सोशल मीडिया में जिस तरह से शानदार तस्वीरें आ रही है. यह बताता है कि यह काननू ही नीतीश जी ने बनाया है, केवल पुलिस को लाभांवित करके ऊपर तक पहुंचाने के लिए. उनको शराबी या शराब बेचने वाले से चिढ़ नहीं है"- संजय जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, बिहार बीजेपी