पटना: गोपालगंज के गंडक कॉलोनी में जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता के सरकारी आवास पर एक ठेकेदार की मौत की घटना को राजनीतिक दलों ने शर्मनाक करार दिया है. आरजेडी ने मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हस्तक्षेप करने की नसीहत दी है. वहीं बीजेपी ने कहा है कि राज्य के अंदर नौकरशाही बेलगाम है.
गोपालगंज की घटना को लेकर राजनेताओं के अंदर उबाल है. बीजेपी के साथ साथ आरजेडी ने भी प्रशासन को घेरा है. आरजेडी के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि यह घटना समाज को कलंकित करने वाली है. अधिकारियों का मनोबल इतना बढ़ चुका है कि सुशासन को चुनौती देते फिर रहे हैं.
गोपालगंज की घटना पर नेताओं ने दी प्रतिक्रिया 'नीतीश कुमार दोषियों के खिलाफ करें कड़ी कार्रवाई'
शिवानंद तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार कहते हैं कि भ्रष्याचार पर हमारा जीरो टॉलेरेंस है. उन्हेंने कहा कि यदि ऐसा होता तो भ्रष्टाचारी इतना बेखौफ नहीं होते कि वो किसी व्यक्ति को जिंदा जला दें. शिवानंद तिवारी ने कहा कि मैं नीतीश कुमार से अनुरोध करता हूं कि वह इस मामले को चुनौती के रूप में लें और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाही सुनिश्चित करें.
शिवानंद तिवारी, उपाध्यक्ष, आरजेडी बीजेपी ने घटना को बताया शर्मनाक
इधर, बीजेपी ने भी इस घटना को शर्मनाक करार दिया है. पार्टी प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने कहा है कि राज्य सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. सरकार को स्पीडी ट्रायल कर ऐसे लोगों को फांसी की सजा देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ब्यूरोक्रेसी की मनमानी बढ़ गई है. ये लोग राज्य में आतंक फैलाकर अपनी सत्ता को कायम करना चाहते हैं. ऐसे लोगों पर तत्काल कार्रवाई करने की जरूरत है.
नवल किशोर यादव, प्रवक्ता, बीजेपी मुख्य अभियंता के सरकारी आवास पर ठेकेदार की मौत
बता दें कि, गोपालगंज के गंडक कॉलोनी में जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता के सरकारी आवास पर एक ठेकेदार की मौत हो गई. गुरुवार की दोपहर गंडक विभाग के ठेकेदार रामशंकर सिंह जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता मुरलीधर सिंह के सरकारी आवास पर आग लगने से जल गए. उन्हें तत्काल इलाज के लिए सदर अस्पताल में ले जाया गया, जहां से उन्हें गोरखपुर रेफर कर दिया गया. गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में उनकी मौत हो गई.
मुख्य अभियंता पर हत्या का आरोप
परिजनों ने मुख्य अभियंता पर जलाकर हत्या करने का आरोप लगाया है. परिजनों का आरोप है कि भवन निर्माण में 60 लाख रुपये बकाए थे, जिसकी काफी समय से मांग की जा रही थी. बताया जाता है कि रामशंकर को घटना के दिन फोन कर अभियंता ने अपने आवास पर बुलाया था. जब वे आवास पहुंचे तो अभियंता ने 15 लाख रुपये की डिमांड कर दी. इसमें दोनों के बीच विवाद हो गया. इसके बाद इस घटना को अंजाम दिया गया.