पटना:जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) से सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया जा चुका है. बीजेपी, जदयू, राजद, कांग्रेस और वामदलों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था, लेकिन केंद्र सरकार (Central Government) ने जातिगत जनगणना को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है.
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केंद्र सरकार का कहना है कि फिलहाल जातिगत जनगणना संभव नहीं है. केंद्र के रुख के बाद बिहार में सियासी घमासान मचा हुआ है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से मुलाकात की और जातिगत जनगणना के पक्ष में प्रधानमंत्री से समय मांग कर प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली चलने का अनुरोध किया.
नीतीश कुमार ने भी तेजस्वी के अनुरोध को स्वीकार कर लिया और पहल का भरोसा दिलाया. नीतीश कुमार प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जातिगत जनगणना कराने के लिए अनुरोध करेंगे और समय भी मांगेंगे. प्रतिनिधिमंडल से बीजेपी तौबा करती नजर आ रही है. पार्टी का मानना है कि जातिगत जनगणना की कोई जरूरत नहीं है. जनगणना अमीर और गरीब की होनी चाहिए.
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''जातिगत जनगणना को लेकर विधानसभा से प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन केंद्र की सरकार ने इंकार कर दिया है. जातिगत जनगणना पर निर्णय भारत सरकार के स्तर से लिया जाना है, इसमें हम लोग कुछ नहीं कह सकते हैं.''- तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री, बिहार