पटनाःलोकनायक जयप्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan) की आज 119वीं जयंती है. आज पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) द्वारा देश में लगाए गए आपातकाल के खात्मे और फिर से लोकतंत्र बहाल करने वाले नायक के रूप में लोकनायक जयप्रकाश नारायण को याद किया जा रहा है. जेपी की जयंती पर आइये जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ रोचक बातें..
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जयप्रकाश नारायण का जन्म बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा पर बसे एक छोटे से गांव सिताबदियारा में हुआ था. उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा गांव में ही हासिल की थी इसके बाद सातवीं क्लास में उनका दाखिला पटना में कराया गया था. बचपन से ही मेधावी जयप्रकाश को मैट्रिक की परीक्षा के बाद पटना कॉलेज के लिए स्कॉलरशिप मिली थी. जेपी पढ़ने के दौरान से ही गांधीवादी विचारों से प्रभावित थे और स्वदेशी सामानों का इस्तेमाल करते थे. वह हाथ से सिला कुर्ता और धोती पहनते थे.
जयप्रकाश नारायण ऐसे शख्स के रूप में उभरे, जिन्होंने पूरे देश में आंदोलन की लौ जलाई. जेपी के विचार दर्शन और व्यक्तित्व ने पूरे जनमानस को प्रभावित किया. लोकनायक शब्द को जेपी ने चरितार्थ भी किया और संपूर्ण क्रांति का नारा भी दिया. 5 जून 1974 को विशाल सभा में पहली बार जेपी ने संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था.
उस समय जेपी इंदिरा की तानाशाही और कांग्रेस में बढ़ते भ्रष्टाचार के चलते लोगों की मुश्किलों से वाकिफ थे. इसके चलते वो संघर्ष के लिए तैयार हो गए 72 साल की उम्र में पटना के गांधी मैदान में लाठियां खा रहे थे. लालू, नीतीश, पासवान, सुशील मोदी जैसे छात्र नेता बिहार में उनके साथ हो लिए, सम्पूर्ण क्रांति का नारा दिया गया.
संपूर्ण क्रांति की चिंगारी पूरे बिहार से फेल कर देश के कोने-कोने में आग बनकर भड़क उठी और जनमानस जेपी के पीछे चलने को मजबूर हो गये. अपने भाषण में जयप्रकाश नारायण ने कहा- भ्रष्टाचार मिटाए, बेरोजगारी दूर किए, शिक्षा में क्रांति लाए बगैर व्यवस्था परिवर्तित नहीं की जा सकती.