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Published : Nov 30, 2022, 1:18 PM IST

Updated : Nov 30, 2022, 1:44 PM IST

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बिहटा में एयरपोर्ट निर्माण मामला: जमीन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच 4 साल से फंसा है पेंच

बिहटा एयरपोर्ट निर्माण मामला (Bihta airport construction Matter) जमीन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच फंसी हुई है. केंद्र द्वारा एयरपोर्ट के लिए और जमीन की मांग कर रही है. वहीं, सरकार का कहना है कि उस समय जो जमीन की मांग की गई थी, उसे तय समय से पहले उपलब्ध करा दिया गया था. केंद्र और राज्यों के बीच फंसे इस योजना को लेकर अब भी संशय की स्थित है. पढ़ें पूरी खबर.

अधड़ में एयरपोर्ट निर्माण
अधड़ में एयरपोर्ट निर्माण

पटना:पटना एयरपोर्ट के विकल्प के रूप में बिहटा में हवाई अड्डे के निर्माण (Airport construction in Bihta) को लेकर 2018 में फैसला लिया गया. जिसके बाद बिहार सरकार की ओर से भूमि अधिग्रहण कर हस्तांतरण और चारदीवारी का निर्माण भी किया गया, लेकिन उसके बाद से बिहटा एयरपोर्ट पर एक ईंट नहीं लगा है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से और जमीन की मांग की जा रही है. वहीं, बिहार सरकार अब जमीन देने में अपने को असमर्थ बता रही है. जिसके चलते मामला अंटका हुआ है.

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बिहटा में एयरपोर्ट निर्माण मामला: मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिहार सरकार के मंत्री संजय झा ने पिछले दिनों केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात भी की थी. इस दौरान उन्होंने केंद्रीय मंत्री के समक्ष बिहार सरकार का पक्ष भी रखा था और उनसे निर्माण का आग्रह किया था, लेकिन संजय झा के अनुसार अभी तक कोई पहल केद्र सरकार की तरफ से नहीं हुई है.

4 साल से अधड़ में लटकी है योजना: पटना हवाई अड्डा देश के सबसे खतरनाक हवाई अड्डों में से एक है. रनवे छोटा होने के कारण विमानों के लैंडिंग और टेकऑफ में परेशानी होती है. बड़े विमान पटना एयरपोर्ट पर नहीं उतरते हैं और विमानों की आवाजाही भी काफी अधिक होने के कारण एयरपोर्ट पर दबाव अधिक है. ऐसे तो पटना एयरपोर्ट का भी आधुनिकीकरण हो रहा है. सुविधाएं विस्तार की जा रही है, लेकिन रनवे छोटा होने के कारण बिहार सरकार ने पहले राजगीर में एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव केंद्र को दिया था, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से जो कमेटी आई थी. उसने बिहटा में पटना एयरपोर्ट के विकल्प के रूप में एयरपोर्ट निर्माण की स्वीकृति दे दी.

2018 में हुआ था जमीन का अधिग्रहण: 2018 में बिहार सरकार की ओर से 108 एकड़ जमीन अधिग्रहण कर एयरपोर्ट अथॉरिटी को हस्तांतरित कर दिया गया था, लेकिन नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से और जमीन की डिमांड किये जाने के बाद निर्माण का मामला लटका पड़ा है. 29 सितंबर, 2021 को नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने पटना एयरपोर्ट के विकल्प के तौर पर बिहटा या सारण को विकसित करने पर राज्य सरकार की राय मांगी थी, लेकिन राज्य सरकार ने 4 अक्टूबर 2021 को बिहटा हवाई अड्डे को ही विकसित करने की फिर से पुष्टि की थी.

मुख्य सचिव ने उड्डयन सचिव को लिखा पत्र: इस साल के शुरुआत में मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने भी केंद्रीय नागरिक उड्डयन सचिव को पत्र लिखकर याद दिलाया कि राज्य सरकार ने 6 दिसंबर, 2018 को बिहटा में 108 एकड़ जमीन भारतीय विमान प्राधिकरण (एएआई) को हस्तांतरित की थी, लेकिन केंद्र ने अभी तक बिहटा में सिविल एनक्लेव पर काम शुरू नहीं किया है. उन्होंने जल्द से जल्द काम शुरू करने का आग्रह किया था. मामला संसद में भी उठा और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संसद में कहा था कि ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के निर्माण के लिए अतिरिक्त भूमि उपलब्ध कराने की मांग की गई है, जो अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया है.

एयरपोर्ट के लिए दो बार मांगी गई अतिरिक्त भूमि: असल में नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से बिहटा हवाई अड्डे के लिए राज्य सरकार से दो बार अतिरिक्त भूमि की मांग की गई. पहले मौजूदा रनवे को 8200 फीट से बढ़ाकर 12000 फीट करने के लिए अतिरिक्त 191 एकड़ जमीन मांगी थी. उसके बाद 8 एकड़ जमीन की और मांग की गयी है और राज्य सरकार इसे देने में अपने को असमर्थ बता रही है.

बिहार सरकार के मंत्री ने केंद्रीय मंत्री से की थी मुलाकात: मुख्यमंत्री के निर्देश पर पहले मुख्य सचिव ने पत्र लिखा और फिर मंत्री संजय झा नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से जाकर मुलाकात की और जमीन को लेकर स्थिति स्पष्ट किया, लेकिन उसके बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है. पहले 2020 में ही निर्माण कार्य शुरू हो जाना था. 2 साल से अधिक हो चुके हैं और अब तक एक ईंट नहीं जुड़ा है.

बिहटा एयरपोर्ट को लेकर अब तक क्या-क्या हुआ-

1. 2017 से ही बिहटा एयरपोर्ट के निर्माण की चर्चा. केंद्रीय टीम राजगीर, सारन और बिहटा का दौरा किया और बिहटा पर मुहर लगी.

2. केंद्र सरकार की सहमति मिलने के बाद बिहार सरकार ने 6 दिसंबर 2018 में 108 एकड़ जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी को दे दी.

3. जमीन मिलने के बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ने बिहार स्टेट बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड से 7 करोड़ में चारदीवारी का निर्माण करवाया.

4. 2020 में डीपीआर बनकर भी तैयार हो गया और टेंडर निकलने की बात कही जाने लगी.

5. 2020 से लेकर 2021 के बीच दो बार नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से और जमीन की मांग की गई. बिहार सरकार ने जमीन देने में अपनी असमर्थता जताई.

6. नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से 29 सितम्बर, 2021 को बिहटा या सारण में पटना एयरपोर्ट के विकल्प के रूप में एयरपोर्ट विकसित करने को लेकर बिहार सरकार से फिर राय मांगी.

7. 4 अक्टूबर, 2021 को ही बिहार सरकार की ओर से साफ कर दिया गया कि सारण में नहीं बिहटा में ही पटना एयरपोर्ट के विकल्प के रूप में एयरपोर्ट का निर्माण होगा.

8. 29 फरवरी, 2022 को मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने नागरिक उड्डयन सचिव को पत्र लिखकर बिहटा में सिविल एंक्लेव पर काम शुरू करने का आग्रह किया.

9. 3 अक्टूबर, 2022 को बिहार सरकार के मंत्री संजय जाने केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की.

एयरपोर्ट को ध्यान में रखते हुए सरकार रही विकास: एयरपोर्ट का निर्माण शुरू नहीं हुआ है, लेकिन बिहार सरकार की ओर से बिहटा एयरपोर्ट को रोड कनेक्टिविटी के लिए तीन एलाइनमेंट पर काम हो रहा है. पटना रिंग रोड से भी से जोड़ा जाएगा. शिवाला-बिहटा को एलिवेटेड स्ट्रक्चर से जोड़ा जा रहा है. वहीं, दानापुर स्टेशन से बिहटा तक 4 लेन की सड़क भी बनाई जा रही है. बिहटा एयरपोर्ट को लेकर सियासत भी हो रहा है. पहले नीतीश कुमार चाहते थे कि राजगीर में ही पटना एयरपोर्ट का विकल्प बने. वहीं राजीव प्रताप रूडी चाहते हैं कि पटना एयरपोर्ट का विकल्प सारण में तैयार हो.

सारण को लेकर स्थिति स्पष्ट: राजगीर में केंद्र सरकार के तैयार नहीं होने पर बिहार सरकार बिहटा में ही एयरपोर्ट निर्माण कराना चाहती है. सारण को लेकर बिहार सरकार पूरी तरह से स्थिति स्पष्ट कर चुकी है. बीजेपी के राज्यसभा के सांसद विवेक ठाकुर ने पिछले दिनों आरोप लगाया था कि नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 10 बार फोन कॉल किया लेकिन नीतीश कुमार ने एक बार भी फोन नहीं उठाया. उसके बाद संजय झा दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की. ऐसे में कुल मिलाकर देखें तो अब एयरपोर्ट का निर्माण बिहटा में ही होना है, लेकिन निर्माण कब शुरू होगा, बिहार सरकार के मंत्री संजय झा भी बताने में असमर्थ हैं.

"2017 में केंद्रीय टीम ने बिहटा में हवाई अड्डा निर्माण की स्वीकृति दी थी और उन्हीं लोगों की ओर से 108 एकड़ की जमीन की मांग की गई थी, जिसे रिकॉर्ड समय में बिहार सरकार ने अधिग्रहण करके दे दिया था. हमने सारी स्थिति से केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को अवगत करा दिया है, लेकिन उसके बाद भी अब तक कोई पहल नहीं हुई है. पूर्णिया एयरपोर्ट के लिये भी बिहार सरकार ने जमीन अधिग्रहण करके दे दिया है. लेकिन वहां भी कोई काम नहीं हो रहा है."- संजय झा, जदयू मंत्री

केंद्र और राज्य के बीच फंसा एयरपोर्ट निर्माण कार्य: एयरपोर्ट निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उस समय के नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप एस पुरी से बातचीत की थी, लेकिन उस समय भी कोई पहल नहीं हुई. ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी बिहार सरकार के मंत्री लगातार बातचीत कर रहे हैं, लेकिन उसके बाद भी किसी तरह की गतिविधि शुरू नहीं हुई है. एक तरफ केंद्र सरकार की ओर से यह कहा जा रहा है जितनी जमीन की जरूरत एयरपोर्ट निर्माण के लिए है, बिहार सरकार उपलब्ध नहीं करा रही है. वहीं, दूसरी तरफ बिहार सरकार का कहना है एयरपोर्ट निर्माण के लिए केंद्र से पहले जितनी जमीन की मांग की गई थी, बिहार सरकार ने रिकॉर्ड समय में अधिग्रहण करके दे दिया है. अब वहां जमीन नहीं है तो बिहार सरकार कहां से देगी और इसे जानबूझकर लटकाया जा रहा है.

900 करोड़ से अधिक की राशि होगी खर्च: बिहटा हवाई अड्डा के निर्माण पर 900 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होना है और जो जानकारी मिल रही है, अभी तक केंद्र सरकार की ओर से हवाई अड्डे के निर्माण के लिए राशि की भी व्यवस्था नहीं की गई है. एक तरफ जमीन के कारण यह मामला लटका है और दूसरी तरफ अभी तक राशि की भी व्यवस्था केंद्र सरकार ने इसके लिए नहीं किया है. पटना हवाई अड्डा पर बढ़ते दबाव के बावजूद बिहटा एयरपोर्ट का निर्माण कब होगा, यह स्थिति स्पष्ट नहीं है. ऐसे नीतीश कुमार तो चाहते थे कि राजगीर में ही पटना एयरपोर्ट के विकल्प के रूप में हवाई अड्डा का निर्माण हो और अभी भी नीतीश कुमार चाहते हैं कि राजगीर में हवाई अड्डा बने और केंद्र उसमें सहयोग करें.

एयरपोर्ट के लिए करना होगा इंतजार: बिहटा एयरपोर्ट के निर्माण को लेकर केंद्र सरकार और बिहार सरकार के मंत्रियों के बीच बयानबाजी भी होती रही है, लेकिन कुल मिलाकर देखें तो जमीन के कारण इस प्रोजेक्ट को भी लटका कर रखा गया है. इतना ही नहीं पूर्णिया हवाई अड्डा का मामला भी लटका हुआ है और दरभंगा एयरपोर्ट का विस्तार का काम भी तेजी से नहीं हो रहा है. यहां तक कि पटना एयरपोर्ट के आधुनिककरण का कार्य भी बहुत धीमी गति से चल रहा है. ऐसे में साफ दिख रहा है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच जमीन को लेकर जिस प्रकार से पेंच फंसा रही है, उससे बिहटा एयरपोर्ट के लिए और लंबा इंतजार करना होगा.

Last Updated : Nov 30, 2022, 1:44 PM IST

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