पटनाः क्या 23 मार्च बिहार बंद होने वाला है? क्योंकि ट्विटर पर #23 मार्च को बिहार बंद ट्रेंड में है, जिसमें बिहार के कई नेता इसका समर्थन कर रहे हैं. बिहार बंद (manish kashyap bihar band) की घोषणा करने वाले कोई और नहीं बल्कि राष्ट्रीय जन जन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशुतोष कुमार हैं, जो 23 मार्च को बिहार बंद करने के लिए लोगों का समर्थन मांगा है. जिसके बाद ट्विटर पर #23 मार्च को बिहार बंद को लेकर कई सारे पोस्ट आ रहे हैं. आइए जानते हैं, इसके पीछे कारण क्या है ?
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सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा बिहार बंदः दरअसल, तमिलनाडु मामले में जब से मनीष कश्यप की गिरफ्तारी हुई है, तब से सोशल मीडिया पर लोग मनीष का समर्थन कर रहे हैं. लगातार मनीष को फंसाने का आरोप लगाया जा रहा है. ऐसे में राष्ट्रीय जन जन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशुतोष कुमार ने भी मनीष कश्यप का समर्थन किया है. आशुतोष कुमार कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी कि मनीष के समर्थन में आंदोलन करने जा रहे हैं. बहुत जल्द इसकी घोषणा की जाएगी.
आशुतोष कुमार का समर्थनःइसके बाद आशुतोष कुमार ने (@AshutoshBiharKa) ट्विटर पर पोस्ट कर 23 मार्च को बिहार बंद की घोषणा की है. जिसमें लिखा है कि "23 मार्च को पूरा बिहार बंद रहेगा. हम स्वयं सुबह 10:00 बजे पटना के कारगिल चौक पर मौजूद रहेंगे. क्रांति यदि खून मांगती है तो हम अपने शरीर का कतरा-कतरा झोंकने को तैयार हैं. इन आसुओं का हिसाब होगा. 23 मार्च को मनीष कश्यप के समर्थन में शांतिपूर्ण तरीके से बिहार बंद."
यूजर कर रहे समर्थनःएक और यूजर @iRoyalBhumihar ने इसको लेकर समर्थन किया है. जिसमें लिखा है कि"एक बार इस तस्वीर को गौर से देखिएगा और जो दिल मे क्रोध की भावना उठेगी उसी भावना से एक श्राप निकलेगा, वही श्राप बिहार के सरकार को मिट्टी में मिलाकर रख देगा, जो सरकार तानाशाही की है वो मिट गई है, चाहे हिटलर को देख लो या मगध का सम्राट धनानंद को."
देर है अंधेर नहींःएक यूजर ने @VivekKumar_IND ने लिखा है कि "मनीष कश्यप और शुभम शुक्ला को ब्राह्मण होने की सजा मिल रही है. #23_मार्च_बिहार_बन्द, इन आसुओं का हिसाब बिहार की ईमानदार जनता करेगी. अनीति का अंत एक दिन अवस्य होता हैं. ऊपर वाले कि लाठी में आवाज नहीं होती. ऊपर वाले के घर देर है अंधेर नहीं. #मनीष_कश्यप_को_रिहा_करो"
क्या है मामलाःमार्च के पिछले सप्ताह में तमिलनाडु में बिहारियों पर हमले की खबर आई थी. जिससे बिहार के लोगों में डर का माहौल हो गया था. तमिलनाडु में रह रहे बिहार के लोग जान बचाकर बिहार भाग रहे थे. इस घटना से दो राज्यों के बीच तनाव का माहौल हो गया था. जब इस मामले की जांच की गई तो, यह खबर झूठी निकली. फेक वीडियो बनाकर इसे वारयल किया था. तमिलनाडु और बिहार पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को नामजद किया था, जिसमें एक यूट्यूबर मनीष कश्यप भी शामिल था.
23 मार्च को बिहार बंदः मनीष कश्यप पर आरोप है कि उसने फेक वीडियो बनाकर घटना को सच बताने का प्रयास किया. जांच में वीडियो फेक मिलने के बाद मनीष कश्यप पर केस दर्ज किया गया. इसके बाद गिरफ्तारी के पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी. पुलिस की कुर्की कार्रवाई के डर से मनीष ने बेतिया के एक थाने में सरेंडर कर दिया. आर्थिक अपराध इकाई की टीम की पूछताछ में उसने कई खुलासे किए. इसी गिरफ्तारी को लेकर मनीष के समर्थकों में आक्रोश है, जो 23 मार्च को बिहार बंद का ऐलान कर रहे हैं.