पटना: बिहार विधानसभा में पहली बार अधिकांश प्रश्नों के उत्तर सरकार की तरफ से भेजे जा रहे हैं. विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ऑनलाइन जवाबको लेकर काफी सख्त हैं. इसके कारण विवाद भी हो रहा है. इसके साथ ही मंत्रियों के जवाब को लेकर भी चाहे वह पक्ष के सदस्य हों या विपक्ष के कई बार संतुष्ट नहीं हो रहे हैं.
यह भी पढ़ें-नीतीश सरकार से रोजगार पर सवाल: 'बिहार में कितने लाख पद रिक्त और कब भरेंगे, जवाब दें'
ऑनलाइन उत्तर मिल रहा, लेकिन बढ़ रहा विवाद
बिहार विधानसभा में ऑनलाइन जवाब पहली बार विभागों की ओर से अधिकांश प्रश्नों का दिया जा रहा है. विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा की ओर से इसको लेकर लगातार बैठकें हुईं हैं. जिस विभाग से ऑनलाइन उत्तर नहीं मिल रहा है उस विभाग के मंत्री को सदन के अंदर ही डांट भी रहे हैं.
पिछले दिनों सम्राट चौधरी के साथ ऑनलाइन उत्तर नहीं मिलने पर ही विवाद हुआ. विधानसभा अध्यक्ष का कहना था कि केवल 69 प्रतिशत उत्तर ही ऑनलाइन मिला है, जबकि मंत्री सभी प्रश्नों के उत्तर ऑनलाइन भेजने की बात कर रहे थे. इसी तरह उप मुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद के विभाग से जब जवाब ऑनलाइन नहीं मिला तो विधानसभा अध्यक्ष ने उप मुख्यमंत्री को भी सदन में चेताया. गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार के साथ तेजस्वी यादव का विवाद भी इस कारण हुआ था. मंत्री पर तेजस्वी ने सही उत्तर नहीं देने का आरोप लगाया था.
24 घंटे पहले देना है ऑनलाइन जवाब
विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने सभी विभागों को 24 घंटे पहले सदस्यों को ऑनलाइन उत्तर देने का निर्देश दे रखा है. सभी दलों के विधायक विधानसभा अध्यक्ष की इस व्यवस्था की तारीफ कर रहे हैं. विपक्षी विधायकों का कहना है कि मंत्री तैयार होकर नहीं आते हैं और इसी कारण विवाद होता है.
सदन के अंदर भी कई बार सदस्य कहते हैं कि ऑनलाइन उत्तर नहीं देख पाए हैं. कई सदस्य इसके लिए अपनी समस्या भी गिनाते रहे हैं. माले के विधायक अमरजीत कुशवाहा ने सदन में कहा कि जेल से आते हैं इसलिए हम ऑनलाइन उत्तर नहीं देख पाते हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने सभी विधायकों को निर्देश दे रखा है कि अपने पीए से ऑनलाइन उत्तर निकालने में मदद लें.
भले ही सदन के अंदर सत्ता पक्ष के सदस्य कई बार मंत्रियों के उत्तर से संतुष्ट ना हो, लेकिन सदन के बाहर सरकार के खिलाफ बोलने से बचते हैं.
विधानसभा अध्यक्ष के पहल की तारीफ कर रहे हैं पक्ष और विपक्ष के विधायक
"विधानसभा अध्यक्ष ने अच्छी पहल की है. पहली बार ऐसा हो रहा है कि सभी प्रश्नों के उत्तर मिल जा रहे हैं. नहीं तो पहले साल भर उत्तर नहीं मिलता था."- संजय सरावगी, बीजेपी विधायक
बीजेपी विधायक संजय सरावगी "विधानसभा अध्यक्ष ने जो व्यवस्था की है उसके लिए उन्हें बधाई देते हैं. इससे पूरक प्रश्न पूछने में आसानी हो रही है. ऑनलाइन देखने की कोशिश जरूर करते हैं, नहीं देख पाते हैं तो मंत्री से कहते हैं कि जवाब दे दें."- मिश्री लाल यादव, वीआईपी विधायक
वीआईपी विधायक मिश्री लाल यादव "ऑनलाइन व्यवस्था सही है. हम लोग तो ऑनलाइन उत्तर लेकर आते हैं, लेकिन जो जवाब मिलता है वह सही नहीं रहता. आज ही जो जवाब मिला वह फर्जी था. हमने इस बात को उठाया है. साफ पता चल रहा था कि मंत्री पूरी तरह से तैयार नहीं हैं, जो जवाब अधिकारियों द्वारा दिया जाता है वे उसे पढ़ देते हैं."- मनोज मंजिल, विधायक, भाकपा माले
भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल "ऑनलाइन जवाब को लेकर जिस प्रकार से विधानसभा अध्यक्ष मंत्रियों पर दबाव बना रहे हैं निश्चित रूप से विवाद का एक बड़ा कारण है. मंत्री गोल मटोल जवाब देते हैं तो विधानसभा अध्यक्ष टोकते भी हैं. पिछले दिनों सम्राट चौधरी के साथ जो विवाद हुआ उसका बड़ा कारण यह भी था."- ऋषि कुमार, विधायक, राजद
"विधानसभा अध्यक्ष ने जो ऑनलाइन व्यवस्था की है वह अच्छी है, लेकिन जवाब जो आता है वह 50% ही ठीक है. 50% सुधारने की जरूरत है. ऑनलाइन उत्तर कभी देख पाते हैं और कभी नहीं देख पाते हैं."- प्रतिमा कुमारी, विधायक, कांग्रेस
कांग्रेस विधायक प्रतिमा कुमारी "ऑनलाइन जवाब देने में कोई परेशानी नहीं है. मैंने अपना शत प्रतिशत उत्तर ऑनलाइन दिया है."- प्रमोद कुमार, गन्ना उद्योग मंत्री
गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार "ऑनलाइन जवाब देने से सुविधा यह हो रही है कि सदस्यों को उत्तर पहले मिल जाता है. इससे सदस्य पूरक प्रश्न की तैयारी करके आते हैं. पहले जवाब सीधे सदन में मिलता था तो अचानक पूरक प्रश्न पूछने में परेशानी होती थी."- जीवेश कुमार, श्रम संसाधन मंत्री
श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार मुख्यमंत्री के विभाग के भी ऑनलाइन मिल रहे 100 फीसदी जवाब
मुख्यमंत्री के गृह विभाग, निगरानी, सामान्य प्रशासन और निर्वाचन से इस बार 100% ऑनलाइन जवाब मिला है. बड़े विभागों में शिक्षा, स्वास्थ्य और ऊर्जा से भी अधिकांश ऑनलाइन जवाब मिल रहे हैं. उप मुख्यमंत्री के नगर एवं आवास विभाग से ऑनलाइन जवाब कम मिल रहे थे. विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें चेताया तब जाकर स्थिति बेहतर हुई.
पहली बार ऐसा हो रहा है कि अधिकांश प्रश्नों का उत्तर सदस्यों को उपलब्ध कराया जा रहा है. विधायक ऑनलाइन जवाब मिलने से पूरक प्रश्न की भी तैयारी कर लेते हैं. इससे मंत्रियों पर दबाव बन रहा है. यह साफ दिख रहा है कि मंत्रियों की तैयारी सदस्यों के प्रश्नों के मुकाबले कम है.
लाभ दे रहा ऑनलाइन व्यवस्था
- कुछ विभागों को छोड़ दें तो अधिकांश विभाग 100% उत्तर ऑनलाइन दे रहे हैं
- विधानसभा अध्यक्ष उत्तर को लेकर मंत्रियों पर लगातार दबाव बना रहे हैं
- ऑनलाइन उत्तर पर ही मंत्री सम्राट चौधरी के साथ हुआ था विवाद
- मंत्रियों की ओर से सही जवाब नहीं देने पर विधानसभा अध्यक्ष सवाल को भी कर रहे हैं स्थगित
- ऑनलाइन उत्तर देखकर आने के लिए सभी सदस्यों को भी दे रहे निर्देश, पीए की मदद लेने के लिए भी कह रहे हैं
- कई सदस्य ऑनलाइन उत्तर नहीं मिलने की करते हैं शिकायत तो सदन में मंत्री देते हैं जवाब
- सभी विभागों को 24 घंटा पहले सदस्यों को ऑनलाइन उत्तर उपलब्ध कराने का विधानसभा अध्यक्ष ने दिया है निर्देश
- पहले सदस्यों को कई माह बाद भी नहीं मिल पाता था उत्तर