पटना: बिहार शिक्षक भर्ती मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने 1.70 लाख शिक्षक अभ्यर्थियों को फिलहाल राहत नहीं देते हुए मामले को दूसरी बेंच को ट्रांसफर कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से मना कर दिया है. जिसके बाद नीतीश सरकार ने याचिका वापस ले ली. अब इस मामले में बिहार सरकार दूसरी याचिका दायर करेगी, जिसपर शुक्रवार को सुनवाई होगी.
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बिहार प्रारंभिक शिक्षक संघ ने क्या कहा : बिहार प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में बीएड अभ्यर्थियों का पक्ष रखने के लिए अधिवक्ता प्रशांत भूषण उतरे थे और बीएड और डीएलएड का एक बड़ा मैटर सुप्रीम कोर्ट में गया था. सरकार की तरफ से एसएलपी फाइल हुई थी, जिसमें बीएड अभ्यर्थियों को बीपीएससी द्वारा आयोजित प्राथमिक शिक्षक बहाली में शामिल करने की अधियाचना की गई थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने वापस इस केस को दूसरे बेंच को ट्रांसफर कर दिया है, जहां बीएडऔर डीएलएड अभ्यर्थियों को लेकर फैसला सुनाया गया था.
''बिहार सरकार ने इस केस को वापस ले लिया है लेकिन अभी भी बीएड अभ्यर्थियों की तरफ से जो रीट याचिका दायर की गई है, उस पर 13 अक्टूबर को सुनवाई होनी है और प्रशांत भूषण बीएड अभ्यर्थियों का कोर्ट में पक्ष रखेंगे."- दीपांकर गौरव, प्रदेश अध्यक्ष, बिहार प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश
क्या है शिक्षकों की नियुक्ति का मामला :बिहार सरकार ने 1.70 लाख शिक्षकों के पदों पर वैकेंसी निकली थी और प्राइमरी में लगभग 80 हजार सीटें थीं. प्राइमरी के लिए डीएलएड और बीएड समेत अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. इसमें 3.90 लाख बीएड अभ्यर्थियों ने प्राथमिक शिक्षक के लिए आवेदन किया और परीक्षा में सम्मिलित हुए. लेकिन इसी बीच भर्ती परीक्षा के दो सप्ताह पहले सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार के एक मामले पर फैसला सुनाते हुए निर्णय दिया कि अब बीएड उम्मीदवार कक्षा 1 से 5 के लिए प्राइमरी शिक्षक नहीं बन पाएंगे और सिर्फ डीएलएड अभ्यर्थी पास अभ्यर्थी ही कक्षा 1 से 5 में प्राइमरी शिक्षक बन पाएंगे.
'बीएड पास अभ्यर्थियों को भी मिले मौका' : सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐसे वक्त में आया जब बिहार में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया चल रही थी. मामला पटना हाईकोर्ट में पहुंचा. अदालत ने इस दौरान बिहार सरकार की दलील खारिज कर दी, साथ ही कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला बिहार में भी लागू होगा. इसके बाद बिहार सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई. बिहार सरकार का कहना है कि बीएस पास अभ्यर्थियों को भी प्राथमिकी शिक्षक के पद पर नियुक्ति की इजाजत दी जाए.