पटना: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले युवाओं को रोजगार देने के लिए बिहार सरकार ने गांधी मैदान में इवेंट का आयोजन किया है. नवनियुक्त शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए जा रहे हैं. नीतीश सरकार जहां शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दे रही है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शिक्षक अभ्यर्थी अदालत लगाकर सरकार को बेनकाब करने की कोशिश की है.
नीतीश सरकार पर आरोपः पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपने सरकारी आवास पर शिक्षक अभ्यर्थी अदालत लगाई. अदालत में कई शिक्षक अभ्यर्थी शामिल हुए. अभ्यर्थियों ने कई आरोप लगाए. जीतन राम मांझी ने कहा कि जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार थी तब लगभग 3 लाख युवाओं को रोजगार मिला था. लेकिन आज मात्र 1,20,000 युवाओं को रोजगार देकर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है.
"सरकार सिर्फ 78,000 युवाओं को नौकरी दे रही है, जिसमें आधे से ज्यादा बिहार के बाहर से हैं. बिहार में डोमिसाइल नीति लागू है, इसके बावजूद बिहार से बाहर के युवाओं को नौकरी दी जा रही है. इसमें पैसे का बड़ा खेल हुआ है. जमकर भ्रष्टाचार हुआ है."- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री देंगे नियुक्ति पत्रःबता दें कि बिहार लोक सेवा आयोग ने शिक्षक भर्ती परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिए हैं. सफल अभ्यर्थियों की काउंसलिंग के बाद 1 नवंबर तक ट्रेनिंग हुई. इसके बाद गांधी मैदान में 2 नवंबर को एक भव्य कार्यक्रम में नियुक्ति पत्र वितरित किया जा रहा है. 1 लाख से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा. सीएम नीतीश कुमार करीब 5000 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र खुद देंगे. जदयू ने इसे हिस्टोरिकल बताया है.